Wheat Variety HD 3226: रबी की फसल में गेहूँ सबसे महत्वपूर्ण फसल है, इसकी खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है। किसानों के लिए गेहूं की एक किस्म आनुवंशिकी प्रभाग, आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। जिसका नाम एचडी 3226 (पूसा यशस्वी) है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को बुआई से पहले दो बातें ध्यान में रखनी चाहिए। अच्छी किस्में चुनें और प्रमाणित स्रोतों से ही बीज खरीदें। अगर हम किस्मों की बात करें तो एचडी (हाई ब्रीड दिल्ली) 3226 का जिक्र जरूर होगा। यह किस्म किसानों के लिए दो कारणों से फायदेमंद है। पहला यह कि इसमें ग्लूटेन मजबूत होता है और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। और दूसरा इसकी पैदावार बहुत अच्छी है।
गेहूं में आमतौर पर 10 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, लेकिन इसमें 12.8 प्रतिशत होता है। पूसा के प्रधान वैज्ञानिक राजबीर यादव के अनुसार, मजबूत ग्लूटेन के कारण यह किस्म ब्रेड निर्माता कंपनियों के लिए काफी उपयुक्त है। इसमें पैदावार भी अच्छी होती है। प्रति हेक्टेयर 79.6 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। हालाँकि औसत उपज 57.5 क्विंटल तक देखी गई है।
गेहूं की किस्म एचडी 3226 (Wheat Variety HD 3226) की खेती पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में सिंचित, समय पर बोई गई स्थितियों में की जाती है। जम्मू और कठुआ जिले, ऊना जिले, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पनोटा घाटी (तराई क्षेत्र) में व्यावसायिक खेती के लिए जारी किया गया।
यह किस्म रोग प्रतिरोधी है
यह किस्म गेहूं में लगने वाले कई रोगों के प्रति प्रतिरोधी है। इससे पीला, भूरा और काला रतुआ नहीं लगेगा। इतना ही नहीं, करनाल बंट, पाउडर की तरह फफूंदी, स्मट और फुट रॉट रोगों के प्रति भी अत्यधिक प्रतिरोधी है। दाने का आकार अच्छा है। किसान अब इसकी बुआई कर सकते हैं। इसकी बुआई का सही समय 5 से 25 नवंबर तक है। प्रति हेक्टेयर 100 किलोग्राम बीज बोया जाता है। अधिकतम उपज के लिए इस किस्म की बुआई अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में करनी चाहिए। और इसे पकने में अधिकतम 142 दिन का समय लगता है।
उत्पादन क्षमता
गेहूं की किस्म एचडी 3226 की भरपूर पैदावार लेने के लिए इसे अक्टूबर के अंत या नवम्बर के पहले सप्ताह में लगाना जरूरी है। इसकी फसल 142 दिन में तैयार हो जाती है। और इस गेहूं की औसत उपज 57.5 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है जबकि आनुवंशिक उपज क्षमता 79.60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।