भारत में उगाई जाने वाली शिमला मिर्च की उन्नत किस्में:
कैलिफोर्निया वन्डर: यह एक मुख्य व्यावसायिक किस्म है। इसके पौधे में 3-4 पिंडक (स्वइम) होते हैं तथा इसका सिरा ऊपर की तरफ सीधा तथा मध्य में घना होता है। यह औसतन 120-150 क्विंटल प्रति हैक्टर पैदावार देती है। चाइनीज जाइन्टः यह प्रसिद्ध किस्म है। जिसका उद्भव (जन्म) चीन में हुआ था। इसका पौधा गहरा हरा तथा अत्यधिक उपजाऊ होता है। इस प्रजाति की मिर्च गहरे हरे रंग की मोटी तथा 3-4 लोब में होती है। यह औसतन 100-150 क्विंटल प्रति हैक्टर पैदावार देती है।
बर्ड बीटर: इस किस्म के पौधे सीधे तथा उच्चतम पैदावार वाले होते हैं। यह मिर्च चिकनी होती है। यह औसतन 150 क्विंटल प्रति हैक्टर पैदावार देती है। येलो वंडर: इस किस्म के पौधे बौने तथा देर से परिपक्व होते हैं। यह मिर्च लंबी, हरी तथा 3-4 खंड में विभाजित एवं चिकनी होती है। यह औसतन 100-150 क्विंटल प्रति हैक्टर पैदावार देती है।
भारत: यह एक संकरित किस्म है, जिसे इंडो-हाइब्रिड सीड कम्पनी, बेंगलुरु के द्वारा विकसित किया है। इस पौधे का उत्पादन उच्च तापमान में होता है। यह फल घंटीनुमा मुख्यतः 4 लोब वाला होता है। इसका आकार 8-10 सें.मी. होता है। उपज औसतन 300-400 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है तथा यह टोबैको मोसेक वाइरस का प्रतिरोधी है।
अर्का मोहिनी: इसका विकास भाकृअनुप- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु ने किया है। यह मध्य मोटाई की गूदेदार होती है। यह किस्म रबी तथा खरीफ दोनों ही फसलों के लिए ही उपयुक्त है। इसका फल पत्तियों से घिरी हुई अवस्था में होता है। इसकी उपज औसतन 200-250 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है।
अर्का गौरवः यह एक मध्यम गहरे हरे रंग की सीधे पौधे वाली किस्म है। इस किस्म में फल 3-4 बंच वाला तथा मध्यम अवस्था (70-80 ग्राम) का होता है। इसकी उपज औसतन 180-250 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है। यह किस्म खरीफ तथा रवी दोनों के लिए उपयुक्त है।
अर्का बसन्तः यह किस्म क्रीमी सफेद होती है। इसका फल शंकुनुमा सीधा होता है। यह संचरण तथा खाने में बहुत अच्छी तथा सुगन्धित होती है। इसकी उपज औसतन 150-200 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है। यह खरीफ तथा रबी दोनों के लिए उपयुक्त है तथा रखरखाव में अच्छी होने के कारण आयात-निर्यात के लिए उपयुक्त है।
वी. एल. शिमला मिर्च- 2: उत्तराखंड क्षेत्र के लिए यह उपयुक्त किस्म है। यह कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों अवस्थाओं के लिए उपयोगी है। यह किस्म गहरे हरे रंग की मध्यम आकार वाली तथा घंटीनुमा होती है। पकने पर लाल रंग का हो जाती है।
वी. एल. शिमला मिर्च- 3: उत्तराखंड क्षेत्र के लिए यह किस्म उपयुक्त है। इसमें परागण 70-80 दिनों में खुल जाते हैं। यह कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों ही अवस्थाओं में उगाई जा सकती है। विशेषकर गर्मियों में व बरसात के मौसम के दौरान पहाड़ियों पर इसका फल एक समान आकर्षक गहरे हरे रंग मध्यम आकार का (60-70 ग्राम) ब्लाकी, चमकीला तथा चिकनी सतह वाला और 3-4 लोबेड में होते हैं। यह किस्म पॉलीहाउस में खेती के लिए भी उपयुक्त है।