अरहर की फसल में लगने वाला बाँझपन मोज़ेक रोग (SMD) और अरहर बाँझपन मोज़ेक वायरस (PPSMV) एक प्रमुख विषाणुजनित रोग है, यह रोग हानिकारक और काफी खतरनाक होता है। जो एसेरिया कजनी नामक वेक्टर द्वारा फलता है, जिसकी वजह से अरहर के पौधे के गांठ ( इंटरनोड्स) के छोटे होने के कारण प्रभावित पौधे बौने रह जाते हैं। सहायक कलियों को बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है और शाखाओं को शीर्ष पर झाड़ीदार रूप जैसा हो जाता है। अरहर के इस खतरनाक रोग के बारे में जानकारी देने वाले डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के सह निदेशक अनुसंधान एवं विश्वविद्यालय के पादप रोग विभाग के मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ) संजय कुमार सिंह है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है की अरहर के इस रोग के मुख्य रूप से तीन प्रकार के लक्षण होते हैं जैसे, पूर्ण बंध्यता के साथ पत्रक में गंभीर पच्चीकारी, आंशिक बंध्यता के साथ मृदु पच्चीकारी और हरित हीन प्रभामंडल से घिरे एक हरे द्वीप की विशेषता वाले गोल धब्बे इस रोग के प्रमुख लक्षण है। साथ ही उन्होंने अरहर के बाँझपन मोज़ेक रोग (SMD)/ अरहर बाँझपन मोज़ेक वायरस (PPSMV) रोग को प्रबंधित कैसे किया जाये इसके बारे में भी जानकारी दी है।

बाँझपन मोज़ेक रोग के लक्षण
ऐसे करे अरहर के इस हानिकारक रोग की रोकथाम
- बुवाई के 40 दिन बाद तक संक्रमित पौधों को खोजकर कर निकाल देना चाहिए।
- रोग प्रकट होने के तुरंत बाद फेनाजाक्विन @ 1 मिली प्रति लीटर का छिड़काव करें और यदि आवश्यक हो तो 15 दिनों के बाद पुनः दोहराएं।