Brinjal Farming: सबसे कम समय में तैयार होने वाली सब्जी बेंगन होती है, इसे किसान लगभग 2 महीने में उत्पादन करके बाजार में बेच सकता है और इस फसल से अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकता है। बेंगन की फसल भारत के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है। देश में बैंगन आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी फसल है। विश्व में चीन के बाद भारत बैंगन की दूसरी सबसे अधिक पैदावार वाला देश है। बैंगन भारत का देशज है । प्राचीन काल से भारत में इसकी खेती होती आ रही है। ऊँचे भागों को छोड़कर समस्त भारत में यह उगाया जाता है। बैंगन का प्रयोग सब्जी, भुर्ता, कलौंजी तथा व्यंजन आदि बनाने के लिये किया जाता है। भारत मे तो छोटे बैंगन की प्रजाति का प्रयोग संभार बनाने में भी किया जाता है। देश में बैगन की मांग 12 बनी महीने रहती है। स्थानीय मांग के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों व प्रान्तों में बैंगन की अलग–अलग किस्में प्रयोग में लाई जाती है।किसान भाई बेंगन की खेती करते है तो उन्हें इसके लिए इसकी अच्छी उपज देने वाली किस्म का चयन करना चाहिए जो किसान को अच्छी पैदावार दे जिसे बेच कर किसान अच्छा लाभ प्राप्त करे।
उपयुक्त किस्म
बेंगन की उन्नत किस्म की बात करें तो जैसा की हम सब को पता है बेंगन में रंग और आकार अलग अलग होते है। रंग की बात करे तो यह बैंगनी रंग, सफ़ेद रंग, गुलाबी रंग, हरे रंग और कुछ बेंगन धारीदार रंग की अन्य किस्मे होती है। वही आकार की बात करें तो गोल और लम्बे बेंगन और कुछ नाशपती जैसे भी बेंगन की बुवाई की जाती है। किसान भाई को अधिक पैदावार के लिए इन उन्नत किस्म की बुवाई करना जैसे ;
- स्वर्ण शक्ति
- स्वर्ण श्री
- स्वर्ण श्यामली
- पूसा पर्पल राउंड
- पूसा हाइब्रिड-6
- पूसा अनमोल
- पूसा पर्पल लोंग
इन किस्मो की बुवाई करके किसान बेंगन का अच्छा उत्पादन कर सकता है। किसान भाई बीज बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए। अच्छी जल निकासी वाली समतल इसकी बुवाई करनी चाहिए। किसान भाई इसके पौधे को कतार में लगाना चाहिए और पौधे से पौधे की दुरी 50 cm के बिच की दुरी रखना चाहिए जिससे पौधे का विकास जल्दी हो सकें।
बेंगन की तुड़ाई
किसान भाई बेंगन की तुड़ाई हमेसा मुलायम और चमकदार हो जाए और तोड़ लेना चाहिए। बाजार में चमकीले मुलायम बेंगन की मांग अच्छी होती है जिससे किसान अच्छा लाभ प्राप्त हो जाता है। अधिक पके और भूरे रंग के बेंगन स्वाद में अच्छे नहीं होते है और खाना पंसंद भी नहीं करते है। उचित मूल्य के लिए तुड़ाई के बाद अच्छे बेंगन की छटाई करके बाजार में ले जाना चाहिए।