यदि आपके खेत में मटर की फसल अच्छी लहलहा रही है और आपको ऐसा लग रहा है की ये क्रम ऐसे ही चलता रहेगा, तो आप थोड़ा सा सावधान हो जाइये। क्योकि कहीं ऐसा ना हो कि आप इसके लिए बेफिक्र हो जाये और आपकी मटर की फसल सड़न रोग की चपेट में आ जाये। देश के ज्यादातर राज्यों में लगातार हो रही कई दिनों की बारिश से मटर की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। सड़न रोग के अलावा इसमें कीटों का प्रभाव भी फसल को नुकसान पंहुचा सकता है।
आपको बता दे की लगभग 35 प्रतिशत के करीबन फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, इसके अलावा सड़न रोग भी फसलों को प्रभावित कर रहा है।
मटर की फसल में तने से शुरू होता है सड़न रोग
मटर की फसल में सड़न रोग का प्रारंभ पौधे के तनो के जरिये शुरू होता है। अगर आप ध्यान से देखे तो आपको दिखेगा की आपका पौधा इस रोग के प्रभाव में है अगर पौधे का तना पीला पड़ रहा है तो पीला पड़ते हुए पूरा पौधा सड़ जायेगा। मटर की फसल में ये रोग पानी और हवा के जरिये धीरे धीरे फैलकर पौधे को नष्ट कर देता है।
जाने कैसे करे फसलों की सुरक्षा
मटर की फसल में पाया जाने वाला सड़न रोग बहुत तेज़ी से पूरी खेती को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके लिए आवश्यक है की फसलों में गोबर की सही मात्रा डाली जाये। और इसके अलावा बरसाती मटर को चित्री नामक रोग से बचाने के लिए खेतों में पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए।