1. इस प्रकार की मक्खी चाहे वयस्क हो या निम्फ दोनों ही पौधों का रस चूसते है ।
2. सफ़ेद मक्खी पत्ती मोड़क रोगों को फैलाते है ।
3. ग्रसित पत्तियाँ मुड़ी हुई एवं धीरे धीरे घुमावदार हो जाती है, इनके आकार में अलग ही बदलाव देखने को मिलता है।
नियंत्रण:-
1. इसे रोकने के लिए डायमिथोएट 30% ईसी @ 300 मिली. प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर फसल की शुरूआती अवस्था में छिड़काव करें ।
2. जब फसल नर्सरी अवस्था में हो तभी सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिये नर्सरी के चारों तरफ नाइलोन की 100 मेश की जाली लगा दें ।
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