Kathal Ki Kheti: कटहल भारत का एक महत्वपूर्ण फल और सब्जी है। इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। यह दुनिया के अन्य देशों में भी उगाया जाता है। कटहल को सुपर फूड भी कहा जाता है। आजकल यूरोप देश में इसकी डिमांड ज्यादा है। भारत में कटहल एक सदाबहार वृक्ष है, जो करीब 8 सेंटीमीटर ऊंचा और गहरे हरे पत्ते वाले इस बहुशाखीय वृक्ष की बागवानी किसानों के लिए आय की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी बागवानी से बहुत अच्छा मुनाफ़ा होता है। कटहल की बागवानी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है।
कटहल की बागवानी (Jackfruit Gardening)
- भूमि का चयन :- कटहल के पौधे को लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी इसकी पैदावार के लिए उपयुक्त होती है। क्योंकि कटहल की जड़े भूमि में अधिक पानी के जमाव को सहन नहीं कर पाती है, जिससे पानी का स्तर ऊपर उठने पर पौधे सूखने लगते हैं।
- अनुकूल जलवायु :- कटहल एक उष्ण कटिबन्धीय फल है। कटहल की बागवानी के लिए गर्म और आद्र जलवायु को काफी उपयुक्त माना जाता है। इसके पौधे अधिक गर्मी और वर्षा के मौसम में आसानी से वृद्धि कर लेते है, किन्तु ठण्ड में गिरने वाला पाला इसकी फसल के लिए हानिकारक होता है।
- बुवाई का समय :- कटहल के तैयार पौधे एवं बीज से रोपाई का सही समय जून से सितम्बर का महीना होता है।
- खेत की तैयारी :- कटहल के पौधे की रोपाई करने से पहले खेत को तैयार करने के लिए एक गहरी जुताई करने के बाद पाटा चलाकर भूमि को समतल कर लें। समतल भूमि पर 10 से 12 मीटर की दूरी पर 1 मीटर व्यास एवं 1 मीटर गहराई के गड्ढे तैयार कर लेनी चाहिए।
- कटहल की खेती के लिए सिंचाई प्रक्रिया :- कटहल की खेती के लिए सिंचाई की बेहद आवश्यकता पड़ती है. बुवाई की शुरुआत से ही इसके पौधों को पानी देना जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी और सर्दी के मौसम में हर 15 दिन के अन्तराल पर इस पौधे को पानी की आवश्यकता पड़ती है।
कटहल के फलों को विकास के साथ कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है। मध्यम उम्र के फल, जिसे सब्जी के लिए प्रयोग किया जाता है, को उस समय तोड़ना चाहिए जब उसके डंठल का रंग गहरा हरा, गूदा कठोर और कोर मलायम हो। इसके अलावा अगर आप कटहल के पके फलों का सेवन करना चाहते हैं तो इसे फल लगने के तकरीबन 100-120 दिनों बाद तोड़ना चाहिए। बता दें कि अगर कटहल की खेती बड़े स्तर पर की जाए तो किसान आराम से सालाना 8 से 10 लाख तक मुनाफा हासिल कर सकते हैं।