हल्दी की प्रतिभा किस्म किसानों की पहली पसंद, जानिए एक किसान ने इस किस्म की खेती से 2 रुपये की लागत पर कमाये 14 लाख रूपये

हल्दी की प्रतिभा किस्म किसानों की पहली पसंद, जानिए एक किसान ने इस किस्म की खेती से 2 रुपये की लागत पर कमाये 14 लाख रूपये
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Aug 21, 2021

हल्दी एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है, जिसका प्रयोग मसाले, औषधि, रंग सामग्री और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में तथा धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। हल्दी की खेती एवं निर्यात में भारत विश्व में पहले स्थान पर है। हल्दी भारतीय थाली का एक महत्वपूर्ण अंग है, इसका इस्तेमाल सिर्फ किचन या खाने के काम में नहीं बल्कि आयुर्वेद में दवा के रूप में भी किया जाता है। साथ ही साथ, यह हमारे संस्कृति से भी जुड़ी हुई है और शुभ कार्यों में इसका विशेष महत्व है। अगर हम कहें कि हल्दी औषधीय गुणों और धार्मिक महत्व वाली की चीज है तो यह गलत नहीं होगा। इन तमाम बातों की वजह से ही इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है और खेती करने वाले किसान अच्छी आमदनी प्राप्त करते हैं।

देश में किसानों को मालामाल कर सकती है ऐसी एक हल्दी की किस्म हमारे वैज्ञानिकों ने विकसित की है। हल्दी की इस किस्म का नाम है, प्रतिभा। वैसे तो हल्दी में सड़न की समस्या अधिकतर आती है। लेकिन प्रतिभा किस्म इस मामले में कमाल की है, इस किस्म की सड़न वाली समस्या न के बराबर है। यहीं वजह है कि कुछ किसान 2 लाख रुपए खर्च कर के इस किस्म की खेती से 14 लाख रुपए कमा रहे हैं।

जानिए कहा हुई तैयार यह किस्म
केरल के कोझिकोड शीत भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान ने इसे तैयार किया है, हल्दी जगत में जो प्रतिभा किस्म की प्रतिष्ठा है, वो शायद किसी और किस्म की नहीं है। आंध्र प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान हल्दी की प्रतिभा किस्म की खेती कर रहे हैं।

2 लाख की लागत पर कमाए 14 लाख रुपये
राज्य के विजयवाड़ा में किसान चंद्रशेखर आजाद को हल्दी की प्रतिभा किस्म ने नाम और दाम दोनों दिए हैं। डीडी किसान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस इलाके में इस किस्म की बुवाई चंद्रशेखर आजाद ने ही शुरू की थी। कई साल की मेहनत के बाद वे 2 लाख रुपए लगाकर हल्दी की प्रतिभा किस्म की खेती से 14 लाख रुपए कमा रहे हैं। प्रतिभा किस्म की खेती से हुई इस जबरदस्त कमाई से ही उन्हें आंध्र प्रदेश में हल्दी की खेती का उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। दरअसल, विजयवाड़ा में हल्दी प्रमुख फसलों में गिनी जाती है और यहां के किसान इसकी जमकर खेती करते हैं।

बन गयी किसानों की पसंदीदा किस्म
केरल राज्य के विजयवाड़ा में आम तौर पर दुग्गीराला, कडप्पा, अरमूर और टेकुरपेटा जैसी स्थानीय किस्में बोने का रिवाज है। किसानों को इन किस्मों की खेती से ज्यादा फायदा नहीं मिलता था और बीमारियों की समस्या भी ज्यादा थी। तभी विजयवाड़ा में नए किस्म प्रतिभा की एंट्री हुई और देखते ही देखते यह किसानों की पसंदीदा किस्म बन गई।

खेती करने का तरीका
अगर आपको हल्दी की खेती में अच्छी कमाई करनी है तो फिर जरूरी बातों का ख्याल रखना होगा। विजयवाड़ा के किसान जल्द पकने वाली फसल बो रहे हैं और बेहतर जल निकासी की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की रोपाई कर रहे हैं। इससे बीज वाली गांठों की मांग लगातार बढ़ रही है। यहां के किसान मेड और खांचा विधि से खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी पैदावार में बढ़ोतरी हो रही है।

फसल की अच्छी देखरेख
फसल की अच्छी बढ़वार और पोषण प्रबंधन के लिए सुपर फॉस्फेट, वर्मी कम्पोस्ट, गन्ना फिल्टर केक, जैव सुधारक और जैव उर्वरकों का उपयोग किया जा रहा है। कंदों की खुदाई बैलों से हो रही है। साफ की गई गांठों को बड़े-बड़े बॉयलर में उबालने के बाद 20 दिनों तक धूप में सुखाया और फिर मेकेनिकल पॉलिशर की मदद से इसे पॉलिश किया जा रहा है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline