1. हाइब्रिड टी - यह गुलाब का सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है। इस वर्ग के फूलों की कलियां आकार में लम्बी तथा देखने में सुन्दर लगती हैं। इस वर्ग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कलिका से फूल बनने में समय लगता है तथा धीरे - धीरे कलिका खुलती है। इसलिए फूल को फूलदान में कटे फूल के रूप में काफी समय तक ताजा बनाए रखा जा सकता है। फूल की डन्डी भी लम्बी होती है। इसमें अनेक रंग के फूल पाये जाते हैं, परन्तु बाजार में लाल, नारंगी, पीला एवं कुछ अन्य महरे रंग के फूल ही अधिक पसन्द किए जाते हैं।
लालः फस्ट रेड, एवन, हैप्पीनेस, मि0 लिंकन, रक्तगन्धा, ब्लैक लेडी, मान्टे जमा, ग्रान्ड गाला इत्यादि।
पीला: आलसमीर गोल्ड, गोल्ड मेडिल, गोल्डेन स्टार, गोल्डेन टाइम, यलो सक्सिस, पूसा सोनिया इत्यादि।
नारंगीः सुपर स्टार, समर हालीडे, प्रेसीडेन्ट इत्यादि।
दो रंगी किस्में: एनविल स्पार्क, मदहोश, डबल डिलाइट, सुप्रिया, अभिसारिका, किस आफ फायर, टाटा सेन्टिनरी इत्यादि।
खुशबू वाली किस्में: एवन, ग्रान्डा, पापा मिलान्ड, ब्लू परफ्यूम, एफिल टावर, ओकलाहोमा इत्यादि।
2. फ्लोरीबन्डा - इस वर्ग के गुलाब के पौधों पर फूल तो बहुत अधिक आते हैं, परन्तु फूल खिलने के कुछ समय बाद ही पंखुड़िया बिखर जाती हैं। इसलिए इस वर्ग के पौधों का प्रयोग सजावट के लिए एवं क्यारियों में लगाने के लिए अधिक किया जाता है। इस वर्ग में उगायी जाने वाली प्रमुख किस्में निम्न प्रकार हैं :
सफेदः - आइसवर्ग , समर स्नो , मारिट मेरिल, चितचोर, चन्द्रमा इत्यादि।
गुलाबी: - प्रेमा, सदाबहार, किंग आर्थर, ब्राइडल इत्यादि।
पीला: - आर्थर बेल, डाक्टर फाउस, आलगोल्ड, सी पर्ल, गोल्डेन टाइम इत्यादि।
माँव : - नीलम्बरी, एन्जिल फेस, अफ्रीका स्टार इत्यादि।
नारंगी : - डोरिस नारमन , सूर्यकिरण , जोरिना , जैम्बा इत्यादि ।
दो रंगी : - करिश्मा, मास्क रेड, पेन्ट बाक्स, नव सदाबहार , रेड गोल्ड , रेयर एडीसन इत्यादि।
3. पोलीएन्था - इस वर्ग के पौधे छोटे तथा फूल गुच्छे में आते हैं। फूलों का आकार भी छोटा होता है। इस वर्ग की प्रमुख किस्में अंजनी, रश्मि, नर्तकी, प्रीति, स्वाति इत्यादि हैं।
4. मिनिएचर - इस वर्ग के पौधे आकार में छोटे तथा इनकी टहनियाँ, पत्तियाँ आदि भी छोटी - छोटी होती हैं। इनके फूलों को पुष्प विन्यास के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
लालः ब्यूटी सीक्रेट, डार्क ब्यूटी इत्यादि।
सफेदः ग्रीन आइस, जेड ट्रेल, ऐनी इत्यादि।
गुलाबीः विन्टी सिटी, स्वीट फेयरी, डिजलट इत्यादि।
पीला: बेबी गोल्ड स्टार, केल गोल्ड, देहली स्टार लेट इत्यादि।
माँव: सिल्वर टिप, ब्लू बर्ड इत्यादि।
नारंगी: एन्जिल रिप्यन्स, पेटाइट फोली इत्यादि।
दो रंगी: स्टार एन स्ट्रिप, जैनी विलियम्स, ओवर द रेनबो इत्यादि।
5. लता गुलाब - इस वर्ग के पौधों की शाखाये मुलायम होती हैं तथा बेल की तरह फैलती हैं। फूल किनारे वाली शाखाओं के शिरों पर छोटे - छोटे गुच्छों में आते हैं। इनका प्रयोग परगोलाओं व दीवारों पर चढ़ाने के लिए किया जाता है। प्रमुख किस्में निम्न प्रकार है :
लालः क्लाइमिंग क्रिमसन ग्लोरी , ब्लेज , काकटेल , ब्लैक बॉय इत्यादि।
सफेदः देहली व्हाइट पर्ल , सेल्डरर्स व्हाइट , रैम्बलर , अमेरिकन पियर , लैमार्क इत्यादि।
गुलाबी : क्लाइमिंग शो गर्ल, लेडी वाटर लु, क्लाइमिंग आफ सिल्क, साफ्ट सिल्क, क्लाइविंग पीस, पिक मराडान इत्यादि।
लेमनः मैरिकल नील, आल गोल्ड, गोल्डन शावर, हाई मून इत्यादि।
कटे फूल के रूप में स्थानीय बाजार एवं विश्व बाजार में मुख्य रूप से लाल, गुलाबी एवं नारंगी रंग के गुलाबी का अधिक मांग है।
व्यवसायिक स्तर के लिए मुख्य किस्में:- पूसा गौरव , पूसा बहादुर , पूसा प्रिया , रक्तगंधा , मृणालिनी , अर्जुन, सुपर स्टार फस्ट रेड , ग्रान्ड गाला , ताजमहल आदि है।
फूलदान या गुलदस्तेः - सुपरस्टार , सुप्रीम , भीम , मिस्टर लिंकन , गोल्डन जाइन्ट , डा . वी.पी.पाल, रक्तिमा , किश्चयन डायर आदि प्रमुख किस्में हैं।
माला व लाड़िया बनाने वाली किस्में:- ग्रस एन टैपलिज , रोज शरबत , हिमागिंनी , अरूनिमा आदि किस्में उपयुक्त है।
रंग भेद के अनुसार पौधशाला के लिए पौध बनाने हेतु प्रमुख किस्में
लालः एवन , भीम , हैप्पीनेस , लिंकन , पापा मियां , ओक्लाहोमा आदि।
गुलाबीः फार्ट प्राइन्ज , सदाबहार , सचित्रा , एफिल टावर आदि।
नारंगी धारियों वालीः अभिसारिका , मदहोश , एनाविल , चित्रा इत्यादि।