Wheat Farming: अच्छी उपज और आमदनी देने वाली गेहूं की फसल में बुवाई से कटाई तक अनेक हानिकारक कीट रोग नुकसान करते हैं। जिसके कारण फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर विपरित प्रभाव पड़ता है। हानिकारक कीटों में दीमक, चैंपा, शूट फलाई, तना छेदक, बीमारियों में रोली, पत्ती धब्बा, झुलसा शामिल है। इन कीट और रोग की समय रहते पहचान करके नियंत्रण करने से किसान अच्छा और गुणवत्तायुक्त उत्पादन ले सकता हैं।
प्रमुख कीट
दीमक
खड़ी फसल में क्यूनॉलफॉस 4 लीटर प्रति हेक्टयर, सिंचाई पानी के साथ देवें।
चैंपा
कीट से बचाव हेतु क्यूॉलफॉस 1 लीटर प्रति एकड़ की दर से फसल पर छिड़काव करें।
तना छेदक
नियंत्रण के लिए क्यूनॉलफॉस 1 लीटर प्रति हेक्टयर की दर से फुटान शुरु होने के समय छिड़काव करें।
प्रमुख रोग
पाली रोग
रोग का प्रकोप होने पर गंधक चूर्ण 25 किलो प्रति हेक्टयर फसल पर भुरकाव करें।
झुलसा और पत्ती धब्बा
रोग से बचाव हेतु 2.5 ग्राम मैन्कोजेब का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
छाछ्या
रोकथाम के लिए प्रति एकड़ घुलनशील गंधक 800 से 1000 ग्राम छिड़काव करें।