गर्मी के मौसम में मूंगफली की खेती से कमाए अच्छा मुनाफा, जानिए मूंगफली की खेती की जानकारी

गर्मी के मौसम में मूंगफली की खेती से कमाए अच्छा मुनाफा, जानिए मूंगफली की खेती की जानकारी
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Kisaan Helpline

Crops Jan 31, 2023

जैसा की हम सभी को पता है अब जायद का सीजन बहुत जल्द शुरू होने वाला है, ऐसे में वो किसान भाई जिनके पास पर्याप्त पानी की सुविधा है वो तीसरी फसल लेने के लिए योजनाएं बनाना शुरू कर रहे है। गेहू, चना ,सरसो इत्यादि कई रबी की फसलों की कटाई के बाद खेत खाली होने के बाद यदि किसान जायद की फसल लेना चाहता है तो गर्मी के इस मौसम में मूंगफली, मुंग, तिल और सब्जियों की बुवाई कर सकता है। 

इस जानकारी में जायद सीजन में मूंगफली की खेती के बारे में बताने जा रहे है। अभी तक किसान केवल बरसाती मौसम में ही खरीफ फसल के रूप में मूंगफली की बोवनी करते थे और पैदावार लेते थे। लेकिन जिन किसानों के पास पर्याप्त पानी की सुविधा है वे गर्मियों के दिनों में भी तीसरी फसल के रूप में मूंगफली की पैदावार ले सकते हैं। रबी फसल की कटाई के बाद मार्च के अंत में इसकी बुवाई कर सकते है गर्मी में इसका उत्पादन करके अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है। 

आइये जानते है गर्मी के मौसम में मूंगफली की बुवाई की जानकारी
उपयुक्त भूमि
यदि आप मूंगफली की बुवाई करे है तो इसके लिए भूमि का पी.एच. मान लगभग 6 से 7 के बिच होना चाहिए। बुलई दोमट मिटटी में मूंगफली की बुवाई करना चाहिए इस मिटटी में इसका उत्पादन अच्छा होता है। गहरी काली मिट्टी में मूंगफली की बुवाई नहीं करनी चाहिए।

उपयुक्त समय
यदि आप मूंगफली की बुवाई करना चाहते है तो गर्मी के इस सीजन में जायद फसल मूंगफली की बुवाई मार्च के महीने में कर सकते है। इस समय किसान भाई मूंगफली की बुवाई करके अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकता है। 

उपयुक्त किस्म 
यदि आप जायद इस सीजन में मूंगफली की बुवाई करना चाहते है तो उसके लिए उन्नत किस्म का चयन करना चाहिए। जायद सीजन में मूंगफली बुवाई की कुछ प्रमुख किस्म जीजी-20, टीजी-37 ए, टीपीजी-41, जीजी-6, डीएच-86, जीजेजी-9 इन प्रमुख किस्म चयन किसान भाई गर्मी के मौसम में मूंगफली बुवाई के लिए कर सकते है। 

सिंचाई
गर्मियों के मौसम में आप इसकी सिंचाई 5-6 बार कर सकते हैं। आप जब रबी की फसल यानी सरसो, चना, मटर तथा मसूर की कटाई कर लें तो फिर खेत की जुताई कर एक बार पलावा कर इसे बो दें। अंकुरण के लगभग 15-12 दिन के उपरांत आप इसकी पहली सिंचाई कर सकते हैं। वहीं दूसरी सिंचाई 25 से 30, तीसरी 40 से 45, चौथी 55 से 60, पांचवी 60 से 65 एवं छठी 70 से 80 दिनों के अंतराल में करें। अब जब ये तैयार हो जाए तो इसकी गुड़ाई आप हांथ तथा खुरपी से करें। 

खाद एवं उर्वरक
मूंगफली की अच्छी पैदावार हेतु 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद का प्रयोग करें। रासायनिक उर्वरक एनपीके 20:60:20 किग्रा प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है। इनके साथ 25 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर जिंक सल्फेट का आधार खाद के रूप मे प्रयोग करने से उपज में 20-22 प्रतिशत तक वृद्धि देखी गई है।

ऐसे करें मूंगफली की खुदाई
गर्मियों के दौरान बोई जाने वाली मूंगफली की फसल की तीन महीने के बाद कटाई की जा सकती है। इसे मार्च में बोया जा सकता है और जून में यह तैयार हो जाएगी। आप इसकी खुदाई उस दौरान करें जब इसकी पत्तियों का रंग पीला हो जाए एवं इसके अंदर परियों का एनिन का कलर भी उड़ जाए। वही जब बीज के ऊपर भाग रंगीन हो जाए तो आप खेत की सिंचाई कर फलियों को पौधों से अलग कर लें। जब इसकी खुदाई कर दें तो इसे धूप में रखें ताकि ये सुख जाए और आप इसे रख सकें। 

मूंगफली का भंडारण
जब आप इसका भंडारण कर रहें हैं तो इसका ध्यान रखें। फलियों को तेज धूप में सूखाने से बचें। तेज धूप में सूखाने से दानों की अंकुरण क्षमता में कमी आती है। इसके पके हुए दाने में नमी की मात्रा 10% से अधिक नही और 8 से कम नही होना चाहिए।

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