अगर आपकी समस्या है की धान में खरपतवार की मात्रा और उनके विपरीत प्रभाव आपको दिखाई दे रहे है तो ध्यान दे ये जरुरी खबर आपके लिए है - जानिए धान में खरपतवारों से कैसे निपटा जाये।
समाधान- प्रायः जो किसान धान की फसल उगते है वे अच्छे से जानते है कि, धान की फसल एक ऐसी फसल है जिसमे सबसे अधिक खरपतवार का ज्यादा आक्रमण होता है। धान की फसल में चौड़ी पत्ती वाले, संकरी पत्ती वाले और घास कुल के खरपतवार सभी को शामिल कर सकते है। धान की फसल में इस प्रकार के नींदा नियंत्रण के लिये निवारक, यांत्रिक तथा रसायनिक विधि तीनों को सम्मिलित करके प्रयास करने से ही लाभ संभव है।
1. निवारक विधि के अंतर्गत इस फसल के लिए अच्छी विश्वसनीय संस्थान का बीज, गोबर की पकी हुई खाद तथा कृषि यंत्रों की साफ-सफाई जरूरी है।
2. कृषि यंत्रो की यांत्रिक विधि में हल द्वारा नींदानाशक पैडीवीडर इत्यादि का उपयोग करें।
3. अगर हम रासायनिक विधि की बात करते है तो इस विधि में पेन्डीमिथालिन (स्टाम्प) 10-15 किलो सक्रिय तत्व प्रति हेक्टर का छिड़काव बुआई के तीन दिन के अंदर करें।
4. 2-4 डी 0.5 से 1 किलो प्रति सक्रिय तत्व/हे. बुआई के 25-30 दिन के भीतर चौड़ी पत्ती वाले नींदा के लिये।
5. इस प्रकार के सम्मिलित प्रयास से ही धान के खरपतवारों पर रोक लगाई जा सकती है।
6. आप निरीक्षण करके देख ले जहां सांवा का अधिक प्रकोप हो वहां नागकेशन (कत्थई रंग की जाति) ही लगायें ताकि सांवा की पहचान हो सके।
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