Cotton Farming: जानिए कपास की फसल में आवश्यक फसल गतिविधियां के बारे में

Cotton Farming: जानिए कपास की फसल में आवश्यक फसल गतिविधियां के बारे में
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Kisaan Helpline

Crops Aug 19, 2022

कपास के पौधों को दीमक, हरे तिल्ले तथा कलियों, फूल व टिंडों पर अमेरिकन सूंडी हेलीओथिस आक्रमण होने पर 1 लीटर क्लोरोपायरीफॉस पानी में 70 मि.ली. पत्तों पर चिपकने वाला पदार्थ डालकर छिड़कें। देसी कपास सितंबर में चुनने के लिए तैयार होती है। दस दिनों के अंदर सूखी व साफ कपास की चुनाई करें। अमेरिकन कपास में ज्यादा फैलाव रोकने के लिए 30 मिली साइकोसिल (70 प्रतिशत) को 300 लीटर पानी में घोलकर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें। इसके साथ कीटनाशक तथा यूरिया भी मिलाकर छिड़का जा सकता है। कपास में आखिरी सिंचाई 33 प्रतिशत टिंडे खुलने पर दें। इसके बाद कोई सिंचाई न करें।

फलछेदक (बाल वर्म): कपास में अमेरिकन बाल वर्म, पिंक बाल वर्म तथा स्पॉटेडे बाल वर्म फसल को बहुत हानि पहुंचाते है। 


फलछेदक नियंत्रण के लिए 
(1) बीज बुआई से पूर्व इमिडाक्लोरोप्रिड से 7.5 ग्राम/कि.ग्रा. की दर से उपचारित कर लेना चाहिए। 
(2) फसल के 45 तथा 55 दिनों के होने पर 5 प्रतिशत नीम सीड कर्नल निलंबन का छिड़काव करना चाहिए। 
(3) अमेरिकन बाल वर्म से फसल प्रभावित होने पर एन.पी.वी. की 250 एल.ई. मात्रा / हैक्टर की दर से छिड़काव करना चाहिए तथा बीटी नुस्खे की मात्रा 1.5 कि.ग्रा./हैक्टर का भी छिड़काव करना चाहिए। कपास में फूल आने पर नेप्थलीन एसिटिक एसिड का 50 मि.ली. फिर 20 दिनों बाद 70 मि.ली. का घोल छिड़कने से फूल व टिंडे गिरते नहीं हैं तथा टिंडे भी बड़े लगते हैं।

चुनाई: कपास में फूल काफी लंबी अवधि तक आते हैं। सभी पौधों पर फूल एक साथ नहीं आते और प्रत्येक पौधे पर भी सारे फूल एक साथ नहीं आते हैं। फसल बोने के दो-ढाई महीने बाद फूल खिलने शुरु हो जाते हैं। फूलों के साथ न खिलने के कारण कपास की चुनाई काफी समय तक चलती रहती है। जब काफी संख्या में गूले पक जाएं तो पहली चुनाई की जाती है। उसके बाद दोबारा जब कुछ और गूले पक जाएं तो उन्हें चुन लिया जाता है। इस प्रकार चुनाई कई बार करनी पड़ती है। आमतौर पर 3-4 बार चुनाई करते हैं। चुनाई कितनी बार करनी चाहिए, यह कपास की प्रजाति, वर्षा एवं पंक्तियों की दूरी आदि पर निर्भर करता है।

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