वर्तमान समय में गांवों में बड़ी संख्या में किसान कृषि के नुकसान के कारण जीवन यापन करने के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। कई बार खेती में लागत का भुगतान न निकलने के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। कर्ज के कारण हर साल बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर लेते हैं। लेकिन इन सबके बीच कई ऐसे किसान भी हैं जो खेती से लाखों-करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. ये किसान पारंपरिक खेती से हटकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं। इसी तरह पेड़ लगाकर अच्छी आमदनी भी की जा सकती है। चंदन के पेड़ की खेती बहुत महंगी बिकती है। इससे लोगों को करोड़ों रुपये का मुनाफा हो सकता है। हालांकि आपको बता दें कि सरकार ने चंदन के पेड़ों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। ऐसे में इन पेड़ों को सरकार ही खरीद सकती है। केवल सरकार ही इन पेड़ों को किसानों से खरीद सकती है और उनका निर्यात कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग है और दुनिया भर में मौजूदा उत्पादन इस मांग को पूरा नहीं करता है, जिसके कारण चंदन की कीमत में भारी वृद्धि हुई है। आप जितना पैसा चंदन की खेती में लगाते हैं, उससे कई गुना ज्यादा कमाएंगे।
जानिए चंदन के पेड़ के बारे में
Chandan Ki Kheti: औषधीय एवं वाणिज्यिक फसलों में चन्दन एक ऐसा पेड़ है जिसकी लकड़ी भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता से जुडी हुई है। आप चाहे तो चन्दन के बीज से भी अच्छी खेती कर सकते है, साल के अगस्त से मार्च माह तक का समय सबसे अच्छा और उपयुक्त माना गया है। चंदन के पेड़ों को दो तरह से उगाया जा सकता है। जैविक और पारंपरिक। चंदन के पेड़ों को जैविक तरीके से उगाने में करीब 10 से 15 साल लगते हैं, जबकि पारंपरिक तरीके से एक पेड़ को उगाने में करीब 20 से 25 साल लगते हैं। शुरुआती दौर में जब पेड़ बढ़ने लगता है तो जानवर भी उस पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में इसे सुरक्षित रखने के लिए इसे जानवरों से दूर रखने की जरूरत है। ये पेड़ रेतीले और बर्फीले क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी क्षेत्र में उगाए जा सकते हैं। चंदन का उपयोग इत्र और आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है।
चंदन के पेड़ को उगाने के लिए किस प्रकार की मिट्टी की आवश्यकता होती है?
अगर आप चंदन का पेड़ उगाना चाहते हैं तो आपको अपने खेत की मिट्टी की भी जांच करनी होगी। मिट्टी जितनी अच्छी होगी, पेड़ उतनी ही तेजी से बढ़ेगा और मजबूत होगा। इससे पेड़ से होने वाला लाभ भी बढ़ेगा। चंदन का पेड़ 6.5 से 7.5 pH के बीच की मिट्टी में बहुत अच्छी तरह से बढ़ता है। यह मिट्टी चंदन की खेती के लिए उपयुक्त होती है। वहीं अगर तापमान की बात करें तो इसके लिए पेड़ को 12°C से 35°C तक के तापमान में आसानी से उगाया जा सकता है।
भारी लाभ कमाएं चंदन की खेती से
चंदन की खेती से काफी मुनाफा कमाया जा सकता है। एक बार चंदन का पेड़ आठ साल का हो जाता है, तो वह मजबूत होने लगता है। वृक्ष रोपण के 12 से 15 वर्ष बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है। वहीं जब पेड़ बड़ा हो जाता है तो किसान हर साल 15-20 किलो लकड़ी आसानी से काट सकता है। यह लकड़ी बाजार में करीब 3-7 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है, जो 10 हजार रुपए प्रति किलो तक हो सकती है। जानकारों के अनुमान के मुताबिक पूरे फसल चक्र (15 साल) के लिए प्रति हेक्टेयर चंदन की खेती की लागत करीब 30 लाख रुपये है, लेकिन इससे होने वाली आय 1.25 करोड़ रुपये से लेकर 1.5 करोड़ रुपये तक हो सकती है।