लौकी को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है। कई क्षेत्रों में लौकी को घिया (Bottle Gourd) भी कहा जाता है, और कहीं-कहीं इसे दूधी और कलाबाश (Kalabash) भी कहा जाता है। बाजारों में इसकी काफी मांग है, इसलिए देश के हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जा रही है। फाइव स्टार होटलों में रसोइयों का स्वाद बढ़ाने से लेकर कई लजीज व्यंजनों तक लौकी ने स्वाद और सेहत की दौड़ में खूब नाम कमाया है।
सब्जियों में कदूवर्गीय सब्जियां महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। लौकी भी कहूवर्गीय सब्जियों में महत्वपूर्ण है। इसकी उपलब्धता वर्ष में लगभग 8-10 महीने तक रहती है। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में इसकी खेती जायद एवं खरीफ, दोनों ही मौसम में की जाती है। सब्जियां बनाने के अलावा इससे रायता, हलवा, कोफ्ता आदि भी बनाया जाता है।
लौकी (Bottle Gourd) एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती (Farming) बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित पूरे भारत में की जाती है। खास बात यह है कि लौकी साल भर उगाई जाने वाली सब्जी है। बाजार में यह 20 से 30 रुपए किलो बिक रहा है।
ऐसे में अगर आप भी लौकी (laukee)की ऐसी ही वैरायटी की तलाश में हैं जिससे आपको ज्यादा उपज मिल सके तो आप पूसा नवीन (Bottle Gourd Pusa Naveen) की खेती कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस किस्म की खासियत के बारे में-
लौकी की उन्नत किस्म पूसा नवीन (Pusa Naveen Variety) की विशेषताएं
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित लौकी की उन्नत किस्म पूसा नवीन खेती के लिए बहुत अच्छी किस्म है।
- जायद और खरीफ दोनों मौसम में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।
- इसके फल 30-40 सेंटीमीटर लंबे और सीधे होते हैं।
- वहीं बाजार खेत से दूर होने पर भी इस किस्म के फल परिवहन के दौरान जल्दी खराब नहीं होते हैं।
- इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी पहली कटाई 55 दिनों में हो जाती है।
- इसके फल बेलनाकार, चिकने और लम्बे होते हैं।
- फल का औसत वजन लगभग 550 ग्राम होता है।
- इस प्रजाति की औसत उपज 350-400 क्विंटल प्रति हैक्टर है।
पूसा नवीन बीज (Pusa Naveen seeds) कहाँ से प्राप्त करें?
पूसा नवीन के बीज बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। इसके 100 ग्राम बीज की कीमत 41 रुपए है। मौजूदा समय में लगभग हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है। आप चाहें तो ऑनलाइन बीज भी खरीद सकते हैं।