हमारी दुनिया में आज भी कई ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में हम आज तक नहीं जान पाए हैं। आज हम आपके लिए ऐसी खबर लेकर आए हैं जिसके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। बाजार में सेब की कई वैरायटी उपलब्ध हैं। इनमें से ज्यादातर सेब लाल, हरे रंग के होते हैं। लेकिन क्या आपने काले सेब के बारे में सुना है? तिब्बत के कुछ हिस्सों में काले सेब की खेती की जाती है, जिसकी पूरी दुनिया में मांग है। गहरे बैंगनी रंग के इस सेब को 'ब्लैक डायमंड एप्पल' के नाम से भी जाना जाता है। यह दुर्लभ सेब बहुत ही कम जगहों पर पाया जाता है। तिब्बत की पहाड़ियों पर उगने वाला यह इतना काला होता है कि देखने पर काला या बैंगनी दिखाई देता है।

इस सेब को तिब्बत में नियू के नाम से भी जाना जाता है। इस सेब का रंग काला इसलिए है क्योंकि अन्य जगहों की तुलना में इस पर सूर्य की रोशनी बहुत पास से पड़ती है। तिब्बत की गिनती देश के सबसे ऊंचे हिस्सों में होती है, ऐसे में यहां सूरज की किरणें सीधे फसलों और फलों की खेती पर पड़ती हैं। सीधी धूप और पराबैंगनी किरणों के कारण इस सेब का रंग काला होता है। यह काला सेब इतना चमकदार होता है कि हर कोई इसकी तरफ खिंचा चला जाता है।
आम तौर पर एक साधारण सेब के पेड़ से 4 से 5 साल में फल आ जाते हैं, लेकिन काले रंग के सेब को उगाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। रोपाई के बाद 8 साल तक पेड़ की देखभाल की जाती है, तभी फलों का उत्पादन प्राप्त होता है। एक ओर जहां लाल रंग के सेब का 80 प्रतिशत उत्पादन प्रतिवर्ष होता है, वहीं ब्लैक डायमंड सेब का पेड़ एक वर्ष में केवल 30 प्रतिशत फल ही देता है, जो उत्पादन होता है वह अन्य देशों को निर्यात भी किया जाता है। यही वजह है कि इसकी कीमत और कीमत भी काफी ज्यादा है।
यह अपने नाम के अनुसार पूरी तरह से काला भी नहीं है, लेकिन यह गहरे बैंगनी रंग का है। खास बात यह है कि यह सेब शहद से भी मीठा होता है। इन सेबों की खेती का काम वर्ष 2015 से ही शुरू कर दिया गया है। इनमें से ज्यादातर सेब बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और शेनजेन के बाजारों में बेचे जाते हैं।
अब बात करते हैं इस सेब की कीमत की। यह सेब दूसरे सेबों के मुकाबले काफी ऊंचे दामों में बिकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सेब सेहत के मामले में लाल सेब जैसा नहीं है। इससे लाल सेब स्वास्थ्यवर्धक होता है। काले सेब की कीमत उसके रंग के कारण होती है। एक सेब करीब 500 रुपए में बिकता है।