भिंडी की खेती : किसान भाई अगेती भिंडी की खेती करके कमा सकते है अच्छा खासा मुनाफा

भिंडी की खेती : किसान भाई अगेती भिंडी की खेती करके कमा सकते है अच्छा खासा मुनाफा
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Kisaan Helpline

Crops Mar 04, 2023

Bhindi Ki Kheti - किसान अगेती किस्म की भिंडी की बुआई मार्च के महीने में कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में इसकी आवक कम होने से दाम काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में अगर अच्छा और हाईब्रिड बीज बोया जाए तो उससे अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि भिंडी की खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था बहुत अच्छी होनी चाहिए।

उपयुक्त मिट्टी

भिंडी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। भिंडी की खेती के लिए खेत की 2-3 बार जुताई करके, आखिरी जुताई के समय पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए।

बुआई का समय

भिंडी की अगेती खेती के लिए किसान को फरवरी से मार्च के महीने में भिंडी की बुवाई करनी चाहिए, लगभग डेढ़ से दो महीने में फसल तैयार हो जाती है और किसान एक हेक्टेयर से 60-70 क्विंटल फसल का उत्पादन ले सकता है।

बीज एवं बीज उपचार

ग्रीष्मकालीन फसल के लिए एक हेक्टेयर बुआई के लिए 18-20 किग्रा बीज पर्याप्त माने जाते हैं, ग्रीष्मकालीन भिंडी के बीजों को बुवाई से 12-24 घंटे पहले पानी में भिगोने से अच्छा अंकुरण होता है, भिंडी बोने से पहले बीजों को 3 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किग्रा बीज को उपचारित करना चाहिए। 

बुवाई का तरीका

ग्रीष्म भिंडी को कतारों में बोना चाहिए, कतार से कतार की दूरी 25-30 सेमी तथा कतार से पौधे की दूरी 15-20 सेमी रखनी चाहिए।

सिंचाई

यदि भूमि में पर्याप्त नमी न हो तो बुआई से पूर्व एक सिंचाई करनी चाहिए, गर्मी के मौसम में हर 5 से 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है।

निराई-गुड़ाई

नियमित निराई-गुड़ाई से खेत को खरपतवार मुक्त रखा जा सकता है, पहली निराई-गुड़ाई बुवाई के 15-20 दिन बाद करना आवश्यक है, खरपतवार नियंत्रण के लिए रसायनों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

रोग नियंत्रण

इस फसल में ज्यादातर पीला मोजेक, जिसे पीला रोग भी कहते हैं, विषाणु या विषाणु द्वारा फैलता है, जिससे फल पत्तियाँ और पौधे पीले पड़ जाते हैं, इसके नियंत्रण के लिए रोगमुक्त प्रजाति का प्रयोग करें, या एक लीटर मेलाथियान को 800 से 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टयर के हिसाब से हर 10 से 15 दिन के अंतराल में छिड़काव करें।

खाद एवं उर्वरक

भिंडी की फसल में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्रति हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 15-20 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद एवं 80 किग्रा नाइट्रोजन, 60 किग्रा फास्फोरस और 60 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की तैयारी के समय देना मिट्टी में अच्छे मिला देना चाहिए। बुवाई से पहले मिट्टी में नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा देनी चाहिए। नाइट्रोजन की शेष मात्रा दो भागों में 30 से 40 दिन के अन्तराल पर देनी चाहिए।

उपज

भिंडी की फसल लगभग डेढ़ से दो महीने में तैयार हो जाती है और किसान एक हेक्टेयर से 60-70 क्विंटल फसल का उपज प्राप्त कर सकता है।

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