जैसा की आप जानते है भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया था और साल 2006 में आए नेशनल बैंबू मिशन के चलते बांस उद्योग में काफी उछाल देखने को मिला है। राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत अगर किसान बांस की खेती करते हैं तो सरकार 120 रुपये प्रति पौधा (3 साल के लिए 240 रुपये प्रति पेड़ की औसत लागत का 50%) देगी। सरकार ने साल 2018 में बांस को पेड़ की श्रेणी से हटा दिया था। ऐसे में कोई भी व्यक्ति बिना किसी रुकावट के निजी जमीन पर इसकी खेती कर सकता है। वन में खेती करने पर वन कानून लागू होगा और यह छूट नहीं दी जाएगी।
Bamboo Farming: इसके अलावा बाजार में बांस के उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे में आप इसकी खेती, बिक्री और बांस की वस्तुएं बनाकर बेचकर काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
बांस की किस्में: बांस की लगभग 136 विभिन्न प्रजातियां हैं, जिनमें से 10 सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती हैं। इनका उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है।
आप किस उद्देश्य से इसकी खेती करना चाहते हैं, यह देखकर खेती के लिए प्रजाति चुनें। फर्नीचर, खिलौने, घरेलू सामान के लिए विभिन्न प्रकार के बांस का उपयोग किया जाता है। आप एक या अधिक किस्मों की खेती भी कर सकते हैं।
उपयुक्त मिट्टी और अनुकूल जलवायु:- बांस की खेती सभी अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में की जाती है। तापमान-8-36 डिग्री सेल्सियस, वर्षा-1270 मिमी। इसकी खेती उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जाती है। बाँस पर वर्षा और सूखे का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
खेती करने का अनुकूल समय:- भारत में इसकी खेती के लिए जुलाई का महीना उपयुक्त माना जाता है। दो बांस के बीच 3-4 मीटर की दूरी होती है। इसके साथ ही तिल, उड़द, मूंग-चना, गेहूं, सरसों जैसी अन्य फसलें भी लगाई जा सकती हैं। रोपण के 4 साल बाद, इसे काटा और बेचा जा सकता है।
बांस की खेती से कमाई
एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 बांस के पौधे और अन्य फसलें लगाकर आप 4 साल बाद लगभग 3 - 3.5 लाख रुपये कमा सकते हैं। एक बार लगाया गया बांस करीब 40 साल तक चलता है, इसलिए आपको बार-बार पौधे लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बांस के सामान, लागत और पूंजी
बांस से बना सामान:- वैसे तो हम सभी जानते हैं कि बांस से फर्नीचर, लाठी, टोकरियां बनाई जाती हैं, लेकिन अब इसका इस्तेमाल पानी की बोतलें, बर्तन, हस्तशिल्प की चीजें, आभूषण, लैंपसेट बनाने में भी होने लगा है। बाजार में इनकी काफी मांग भी है।
बांस से व्यवसाय की शुरुआत
आप स्वयं बांस उगा सकते हैं और अलग-अलग चीजें बनाकर बेच सकते हैं। इससे आपको सरकार की ओर से खेती करने में भी मदद मिलेगी। या फिर आप इस सामान को खरीद कर भी बना सकते हैं।
कच्चा माल, मशीनरी और उपकरण
बाँस से बनी वस्तुएँ बनाने के लिए सबसे पहले आपको बाँस की आवश्यकता होगी। इसके अलावा आपको आरी, हथौड़े, कील, छेनी, पेचकस आदि की भी जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा अलग-अलग तरह के सामान बनाने के लिए अलग-अलग औजारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। छोटे पैमाने पर यह काम हाथ से भी किया जा सकता है। बड़े पैमाने के लिए आपको एक मशीन खरीदनी होगी। आपको बाजार में या ऑनलाइन भी मशीनरी मिल जाएगी।
व्यवसाय में लागत और पूंजी
यह एक ऐसा उद्योग है जिसमें बहुत सी वस्तुएं बनाई जाती हैं और उनकी लागत अलग-अलग होती है। साथ ही यह आपके उद्योग के स्तर और सामान बनाने में प्रयुक्त सामग्री पर भी निर्भर करता है। चूंकि इसका आभूषण बनाने का उद्योग शुरू करने की लागत लगभग 15 लाख है, खिलौना या सजावट उद्योग की लागत कम है।
इसकी खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए बांस मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in से मदद ली जा सकती है। तकनीकी सहायता के लिए बांस तकनीकी सहायता समूह (बीटीएसजी) सहायक हो सकता है।
बांस से सामान बनाने का प्रशिक्षण
वेबसाइट nbm.nic.in पर कई ऐसे संस्थानों का उल्लेख किया गया है जो बांस से सामान बनाने का प्रशिक्षण देते हैं। अगर आपके आस-पास कोई पहले से ही यह काम कर रहा है तो आप भी उनसे सीख सकते हैं।
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
वेबसाइट nbm.nic.in पर जाकर आप बांस की खेती के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम वर्ग के उद्योगों को विभाग के अंदर पंजीकृत करवाएं और नगर निगम विभाग से संपर्क करके अपने व्यवसाय का लाइसेंस भी प्राप्त करें।
वर्कशॉप और वेयरहाउस की आवश्यकता
इस उद्योग को शुरू करने से पहले आपको वर्कशॉप और वेयरहाउस मैनेजमेंट कर लेना चाहिए। आपको एक वर्कशॉप चाहिए जहां आप जरूरत के हिसाब से कई मशीनरी कर सकें और चीजें बना सकें।
गोदाम की भी जरूरत है जहां कच्चा माल और तैयार उत्पाद रखा जा सके।
बांस से बने उत्पाद कहाँ बेचे
अपनी सुविधा के अनुसार आप बने हुए सामान को दुकान, शोरूम या फिर ऑनलाइन भी बेच सकते हैं।