बैंगन की फसल की बीमारी और उनकी रोकथाम कैसे करे?

बैंगन की फसल की बीमारी और उनकी रोकथाम कैसे करे?
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Oct 10, 2019

बैंगन आलू के बाद ऐसी दूसरी सबसे खपत वाली फसल है। सामान्यतः बैंगन का पौधा लगभग दो से तीन फुट तक ऊंचा खड़ा रहता है। प्राचीन काल से भारत में बैंगन की खेती होती आ रही है, इसको ऊंचे भागों मे छोड़कर पूरे भारत में उगाया जा सकता है। बैंगन की सब्जी में विटामिन, प्रोटीन एवं कई औषधीय गुण भी मौजूद होते है। बैंगन की फसल में कई प्रकार की बीमारियों की सम्भावना होती है। तो जाने किस तरह इन सारी बीमारियों से फसल को नुकसान होने से बचाया जाये।

फलगलन

ये एक ऐसी बीमारी है जो पत्तों से आरंभ होकर फलों तक पंहुचती है, साथ ही इसमें फलों का रंग भूरा होना शुरू हो जाता है तथा उस स्थान पर फल भी लगने लगते है।

रोकथाम

1.  इसके लिए स्वस्थ बीज को ही इस्तेमाल करें।  
2. बिजाई से पहले बीज का उपचार 2.5 ग्राम कैप्टान प्रति किलो की दर के हिसाब से करें। 
3. फल के लगने के बाद जिनेब 400 ग्राम दवा का 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से 10 से 12 दिन के अंतर पर 2 से 3 बार छिड़काव भी करें। 
4. इसके साथ ही चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिलाकर इसको 10 से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें।

जड़गाठ रोग

इस रोग में पौधे के जड़ों की गांठ वाले सूत्रकृमि से ग्रस्त पौधे पीले पड़ जाते है, पौधों की जड़ों में गांठे बन जाती है या वह फूल जाती है, पौधों की बढवार भी रूक जाती है।

इसकी रोकथाम के लिए आप मई और जून में खेत की दो से तीन गहरी जुताईयां करने से सूत्रकृमियों की संख्या बहुत कम हो जाती है।

छोटी पत्ती व मौजेक रोग

इस रोग के अंतर्गत फसल का पौधा पूरी तरह से बौना रह जाता है और पत्ते छटे और काफी पीले भी पड़ जाते है, इसमें फल बहुत ही कम मात्रा में लग जाता है।

रोकथाम

1. इस प्रकार के रोग को फैलने से रोकने के लिए प्रांरभिक अवस्था में रोगी पौधे निकाल कर नष्ट कर दें।  
2. इसके अलावा पौधे के रोपण से पहले पौधों की जड़ों को आधे घंटे तक ट्रेट्रासिकिलन के घोल में 500 मिग्रा प्रति लीटर पानी में डुबोएं. 
3. नर्सरी और खेत में तेला एवं सफेद मक्खी के बचाव के लिए 400 किमी मैलाथियान ईसी को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतराल पर जरूर छिड़के. 
4. इन सब बातो में ध्यान दे की इन सभी की मात्रा काफी नाप कर ही देनी चाहिए अन्यथा पौधों पर भी प्रभाव पड़ेगा। 

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline