वर्तमान समय में किसान भाई नई तकनीकियों को अपनाकर खेती में रूचि ले रहे है, अलग-अलग फसलों को उगाकर लाभ कमा रहे है। और अगर आपके पास सिर्फ एक एकड़ कृषि भूमि भी है तो आप हर साल खेती से 6 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। इसके लिए आज हम आपको ऐसे औषधीय पौधे की खेती के बारे में बताएंगे, जिससे आप लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आपके पास कृषि भूमि नहीं है तो ठेके पर भी जमीन लेकर इसकी खेती कर सकते हैं। दरअसल, पिछले कुछ साल में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ स्टीविया (stevia) की मांग भी तेजी से बढ़ी है। इसको चीनी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा है, तो आइए जानते हैं स्टीविया की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
जानिए कैसा होता है पौधा और इसकी खेती संबंधित जानकारी
स्टीविया का पौधा 60 से 70 सेमी तक बड़ा होता है। इसके अलावा यह कई साल तक चलने वाला पौधा है, जिसमें कई शाखाएं होती हैं। इस पौधे की पत्तियां देखने में आम पौधों की तरह ही होती हैं, लेकिन यह चीनी से करीब 25 से 30 गुना ज्यादा मीठी होती हैं। इसकी खेती इस समय बेंगलुरु, पुणे, इंदौर और रायपुर में की जा रही है। इसके अलावा दुनिया में स्टीविया की खेती पैराग्वे, जापान, कोरिया, ताईवान और अमेरिका में होती है। स्टीविया डायबिटीज के मरीज के शरीर में इंसुलिन बनाने में मदद करता है।
सामान्य चीनी की तुलना में स्टीविया की पत्तियां 30 गुना ज्यादा मीठी होती हैं। स्टेविया रेबायोडायसाइड-ए का सार सामान्य चीनी की तुलना में लगभग 300-400 गुना अधिक मीठा होता है। स्टेविया की मिठास भी लंबे समय से समझ में आ रही है। इसकी मिठास के कारण इसे "हनी प्लांट" भी कहा जाता है। स्टीविया से तैयार दवाइयों का प्रयोग मधुमेह, दांतों की कैविटी, टॉनिक और भोजन में से कैलोरी कम करना आदि इलाज के लिए किया जाता है।