वर्तमान समय में मौसम ने करवट ली है। सर्दी का मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि सर्दी जितनी लंबी होगी, गेहूं की फसल उतनी ही तेजी से बढ़ेगी। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सर्दी जितनी लंबी होगी। गेहूं की फसल जितनी अधिक बढ़ती है। वहीं, वातावरण कभी बादल तो कभी कोहरा छाया रहता है। ऐसा मौसम आलू, मटर और सरसों की फसल के लिए हानिकारक है। इसे बचाने के लिए किसानों को ध्यान देना होगा।
कोहरे से आलू की फसल पर झुलसा रोग का खतरा
कोहरे और बादल के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा तेजी से बढ़ गया है। पिछले कई दिनों से घने कोहरे से किसान परेशान हैं। आलू की फसल को झुलसा रोग के प्रकोप से बचाने के लिए किसान आग जलाकर खेत के चारों ओर धुंआ जला रहे हैं। हालांकि सोमवार को सुबह से ही मौसम साफ होने से किसानों को राहत मिली, किसानों ने तेजी से आलू का छिड़काव किया।
कोहरे से सूख जाएंगे आलू के पौधे
किसानों का कहना है कि अगर तीन-चार दिन लगातार कोहरा छाया रहा तो आलू के पेड़ सूखने लगेंगे। आलू के अलावा इस मौसम का असर सरसों और मटर की फसल पर भी पड़ रहा है।
पहले से ही बर्बादी की कगार पर पहुंचे आलू किसानों की चिंता कोहरे ने बढ़ा दी है। कोहरे के साथ यदि बादल भी छा गए तो आलू की फसल में अगेती झुलसे के प्रकोप की आशंका बढ़ती जा रही है। जानकार किसानों ने अभी से ही आलू की फसल में छिड़काव कराना शुरू कर दिया है।
आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाव के उपाय
- आलू को पाला झुलसा रोग से बचाए रखने के लिए हर संभव सिंचाई पर ध्यान देना चाहिए।
- पौधों को पाला से बचाने के लिए किसान खेतों में नमी बनाए रखें।
- इसके अलावा सिंचाई के बाद पौधों के उपर छप्पर या फिर पाली हाउस बना दें।
- इससे काफी हद तक फसल को पाले से राहत मिलती है, तो वहीं आलू की फसल में करीब 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई कर देना चाहिए। ऐसा करने से आलू की फसल को पाला और झुलसा रोग के प्रकोप से बचाया जा सकता है।
- साथ ही झुलसा रोग के लक्षण दिखाई देने पर रासायनिक फफूंदनाशक मैंकोजेब या जैविक उपचार में स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 1% डब्ल्यू पी या ट्राइकोडर्मा हरजानियम/ विरिडी 1% डब्ल्यू पी का छिड़काव करें।