Walnut Farming in India : किसानों को परंपरागत फसलों की बजाय लाभकारी फसलों की खेती पर ध्यान देना चाहिए ताकि उनकी आय बढ़ सके। ऐसी कई फसलें हैं जो किसानों को बेहतर मुनाफा दे सकती हैं और उनकी आय भी बढ़ा सकती हैं। उन फसलों में ड्राई फ्रूट की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है। देश के पहाड़ी राज्यों में अखरोट की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी मांग भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बहुत ज्यादा है। यही कारण है कि किसानों को अखरोट के उत्पादन पर अच्छा मुनाफा मिलता है। अपने कई गुणों के कारण बाजार में अखरोट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। अखरोट में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर आदि होते हैं।
भारत में अखरोट की खेती (Walnut Farming in India)
अखरोट की खेती पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है और यह मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी हिमालय का फल है। इसके पेड़ समुद्र तल से 1200 से 2150 मीटर की ऊंचाई पर उगते हैं। वर्तमान में अखरोट की खेती जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल और अरुणाचल प्रदेश में की जाती है। अखरोट का सबसे ज्यादा उत्पादन जम्मू कश्मीर में होता है। अखरोट के पौधे का नाम जुगलैंस नाइग्रा है। अगर इसकी खेती सही तरीके से और उन्नत किस्मों का चयन करके की जाए तो किसानों को लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है।
अखरोट की पौध रोपाई से लगभग एक वर्ष पहले मई और जून माह में नर्सरी में तैयार की जाती है। नर्सरी में इसके पौधे तैयार करने के लिए ग्राफ्टिंग विधि का प्रयोग किया जाता है। आपको जुलाई-अगस्त महीने से ही नर्सरी की तैयारी करनी होगी। इसे तैयार करने में करीब 2 से 3 महीने का समय लगता है। इसे आप दिसंबर महीने तक खेतों में लगा सकते हैं।
अखरोट की खेती को बागों की श्रेणी में रखा जाता है और यह किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है। अखरोट की भारतीय बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी काफी मांग है। अखरोट के पेड़ को उत्पादन शुरू करने में लगभग 8 से 10 साल लगते हैं।
अखरोट के एक ही पेड़ से मोटी कमाई होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर अखरोट का एक पेड़ सीजन में 40 से 50 प्रति किलो की पैदावार देता है। बाजार में अखरोट 700 से 1000 रुपये प्रति किलो बिकता है। एक पेड़ से 30 हजार से 35 हजार तक की कमाई होती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इसका उपयोग मिठाई बनाने से लेकर दवा बनाने तक में किया जाता है। आयुर्वेद में अखरोट को बहुत महत्व दिया गया है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व होते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अखरोट एक अच्छा विकल्प है।
सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को फलों और सब्जियों की खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वर्तमान समय में किसान उद्यानिकी फसलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। भारत के कई हिस्सों में उद्यान फसलों के अंतर्गत ड्राई फ्रूट की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।