अगर आप बागवानी में रूचि रखते है तो कीजिये अगस्त महीने में इन सब्जियों की खेती

अगर आप बागवानी में रूचि रखते है तो कीजिये अगस्त महीने में इन सब्जियों की खेती
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Kisaan Helpline

Crops Aug 10, 2021

सर्दी के मौसम में बाजार में हरी पत्तेदार सब्जियों की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में जो लोग किचन गार्डनिंग करते हैं, वे अगस्त-सितंबर से सर्दी के मौसम में उगाने के लिए सब्जियां तैयार करने लगते हैं. आज हम आपको सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली हरी सब्जियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी तैयारी आपको अभी से शुरू कर देनी चाहिए।

मूली 
  • सबसे पहले आप कोई गहरा गमला या ग्रो बैग लें, क्योंकि मूली एक रूट क्रॉप है और यह नीचे की तरफ बढ़ती है। पॉटिंग मिक्स के लिए आप मिट्टी, रेत/कोकोपीट और खाद या वर्मीकंपोस्ट मिला सकते हैं। 
  • आपको पहले मूली के बीजों की पौध तैयार करनी है, इसलिए आप कोई छोटे प्लांटर जैसे पेपर कप में लगा सकते हैं। 
  • आप किसी पेपर कप में पॉटिंग मिक्स या सिर्फ कोकोपीट भरके इसमें एक-दो बीज लगा दें। 
  • अब इस पर छिड़काव कर पानी दें और इसे आपको छांव में रखना है, जहां अच्छी रौशनी हो पर सीधी धूप नहीं। 
  • मिट्टी का आपको ध्यान रखना है कि इसमें नमी रहे। 
  • लगभग 6-7 दिन में आपके बीज उगने लगेंगे और लगभग तीन हफ्ते बाद, ये पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप ट्रांसप्लांट कर सके। 
  • अब आप गमले में पॉटिंग मिक्स डालें और इसमें पौधों को लगा दें। 
  • एक गमले में आप एक-दो ही पौधे लगाएं। 
  • ट्रांसप्लांट के दो-चार दिन बाद, आप गमले को सीधी धूप में रखें। 
  • ज़रूरत के हिसाब से आप इसमें पानी दें। 
  • आप लगभग एक महीने बाद पौधों में समय-समय पर तरल खाद देते रहें। 
  • 90 दिन बाद आपकी मूली कटाई के लिए तैयार होगी।

चकुंदर
  • सबसे पहले आपको चकुंदर की पौध तैयार करनी होगी, जिसके लिए आप कोई छोटा गमला या फिर प्लास्टिक की बोतल को काटकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • पॉटिंग मिक्स के लिए आप मिट्टी में कोकोपीट, रेत और खाद आदि मिला सकते हैं। 
  • आपकी मिट्टी थोड़ी खुली-खुली रहे न कि बहुत ज्यादा सख्त। 
  • आप गमले या प्लांटर में चकुंदर के बीज लगाएं थोड़ी-थोड़ी दूरी पर। 
  • छिड़काव करके पानी दें। 
  • इस प्लांटर को ऐसी जगह रखें जहां बहुत ज्यादा धूप न आती हो।
  • लगभग दो-तीन हफ्ते में पौधे उगने लगेंगे और आपका काम है इनमें नियमित रूप से देखना कि मिट्टी सूखे न। 
  • अगर मिट्टी सूखी लगे तो आप पानी दें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। 
  • लगभग तीन हफ्ते बाद आपके पौधे इतने बड़े हो जाएंगे कि आप इन्हें ट्रांसप्लांट कर सकें। 
  • ट्रांसप्लांट करते समय आप मीडियम साइज़ के गमले में दो-तीन ही पौधे लगाएं या फिर आप कोई गहरा और चौड़ा कंटेनर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • इनमें पानी का छिड़काव करें और दो-तीन दिन छांव में ही रखें। 
  • इसके बाद आप इन्हें धूप में रखें और नियमित देखभाल करें। 
  • लगभग एक महीने बाद आप इन पौधों में खाद जैसे सरसों की खली या नीमखली देते रहें। 
  • आपके चकुंदर के पौधे लगभग 3 महीने बाद हार्वेस्टिंग के लिए तैयार होंगे। 
गाजर 
  • गाजर भी एक रूट क्रॉप है और इसलिए ज़रूरी है कि आप कोई ऐसा गमला या ग्रो बैग लें जिसका ड्रेनेज सिस्टम बहुत ही अच्छा हो। इसके साथ ही, यह गमला या ग्रो बैग थोड़ा गहरा भी होना चाहिए ताकि गाजर को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिले। 
  • सबसे पहले पॉटिंग मिक्स डालकर गमला तैयार करें। 
  • अब मिट्टी में अपनी ऊंगली से समान दूरी पर कतारों में गड्ढ़े कर लें। 
  • इन गड्ढ़ों में आप एक-दो करके गाजर के बीज डालें। 
  • ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर, सभी बीजों को ढक दें। 
  • अब इसमें छिड़काव करके पानी दें। 
  • लगभग 15 दिनों में आपकी पौध बनने लगेगी। 
  • अगर आप एक ही जगह से कई सारे पौधे निकलते दिखाई दे रहे हैं तो आप एक-दो पौधे निकाल भी सकते हैं। 
  • एक गमले में आप बहुत ज्यादा पौधे मत लगाएं ताकि आपको गाजर की ग्रोथ अच्छी मिले। साथ ही, गाजर के पौधे 2-3 हफ्ते के होने के बाद आप इनमें तरल खाद दे सकते हैं। कोशिश करें कि हर दस दिन में आप बदल-बदल कर खाद पौधों को दें। 
  • गाजर को बढ़ने के लिए पर्याप्त धूप की ज़रूरत होती है। 
  • लगभग दो-ढाई महीने में गाजर हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है।
फूलगोभी
  • फूलगोभी भी सर्दियों की सब्ज़ी है और आप अगस्त महीने से इसे लगाना शुरू कर सकते हैं। इसकी अलग-अलग वैरायटी आप लगा सकते हैं। 
  • सबसे पहले एक थोड़े बड़े ग्रो बैग या गमले में पॉटिंग मिक्स डाल लें। इसके साथ ही आप कागज के छोटे-छोटे ग्रो बैग तैयार करें। 
  • इन ग्रो बैग को समान दूरी पर बड़े ग्रो बैग या गमले में लगा दें। 
  • आपको बीज इन छोटे-छोटे ग्रो बैग में लगाने हैं। 
  • लगभग 10-15 दिन बाद आपके बीज अंकुरित होने लगेंगे। 
  • नियमित तौर पर पानी देते रहने से लगभग एक महीने में आपकी पौध तैयार हो जाएगी। 
  • इस पौध को आप अलग-अलग करके गमलों में लगा दें। 
  • दो-ढाई महीने में गोभी तैयार हो जाएंगी। 

पत्तागोभी 
  • पत्तागोभी आप बीज से या फिर आपके घर में आने वाली पत्तागोभी को काटने पर बचने वाले उसके स्टेम वाले हिस्से से भी उगा सकते हैं। आप बाज़ार से जो पत्तागोभी लाए हैं, उसके नीचे के स्टेम को देखिए, अगर इसमें हल्की-हल्की बड/जड़ें/स्प्राउट आपको दिखती हैं तो आप इसे नए पौधे उगाने के लिए उपयोग में ले सकते हैं। 
  • सबसे पहले जिस जगह से स्प्राउट आ रहे हैं, आप स्प्राउट को नुकसान पहुंचाए बिना इसे काट लें। 
  • अब पॉटिंग मिक्स तैयार करें जिसमें आप मिट्टी के साथ रेत, गोबर की खाद, केंचुआ खाद और कोकोपीट जैसे पोषक तत्व मिला सकते हैं। 
  • इस पॉटिंग मिक्स को आप थोड़े चौड़े और हल्के गहरे गमले या किसी कंटेनर में भरें। 
  • इसमें ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होना चाहिए। 
  • अब स्प्राउट वाले हिस्से को मिट्टी में लगा दें और ऊपर से मिट्टी से ढक दें। 
  • पानी स्प्रिंकलर से दें। 
  • अब गमले को धूप में रख दें और नियमित तौर पर पानी देते रहें। 
  • लगभग 2 हफ्तों में पौधे आने लगेंगे। 
  • जब ये पौधे एक महीने के हो जाएं तो आप दूसरे जैविक फ़र्टिलाइज़र जैसे केले के छिलके का पानी, प्याज के छिलके का पानी डाल सकते हैं। 
  • लगभग ढाई-तीन महीने में आपकी पत्तागोभी तैयार हो जाएगी। 
  • तो देर किस बात की, सर्दी के मौसम में उगने वाली सब्जी की तैयारी के लिए आप आज से ही जुट जाएं।

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