अब एक ही पौधे पर लगा सकते है टमाटर और बैंगन के फल, जानिए इस खास तकनीक के बारे में

अब एक ही पौधे पर लगा सकते है टमाटर और बैंगन के फल, जानिए इस खास तकनीक के बारे में
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Kisaan Helpline

Crops Jan 13, 2023

टमाटर और बैंगन की विश्वव्यापी मांग और खपत को ध्यान में रखते हुए, आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने एक ही पौधे पर ग्राफ्टिंग (कलम विधि) करके दोनों फसलों को तैयार किया है। चूंकि टमाटर और बैंगन दोनों की फसलें एक ही परिवार सोलेनेसी (आलू परिवार) की हैं। इसलिए अब किसान ब्रिमेटो (Brimato) की पौध लगाकर दोहरी फसल का लाभ उठा सकेंगे।

भारत दुनिया में चीन के बाद टमाटर और बैंगन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, लेकिन देश के कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश टमाटर उत्पादक राज्य हैं, जिनकी खपत उनके उत्पादन से कहीं अधिक है। इसलिए देश द्वारा निर्यात की जाने वाली सब्जियों की आपूर्ति का प्रश्न ही नहीं उठता। टमाटर की फसल में अनेक मृदा जनित रोगों के उत्पन्न होने से फसलों को भारी नुकसान होता है, इसलिए नए वर्तमान में सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए आयामों का प्रयोग करना अति आवश्यक हो गया है।

आलू और टमाटर का संयुक्त पौधा "पोमैटो" (Pomato) बनाकर इस दिशा में एक नई पहल की गई है और इससे हमारे देश के किसान भाई लाभान्वित हुए हैं। इसी दिशा में अगला कदम हमारी कृषि संस्थाओं ने ग्राफ्टिंग कर सब्जियों की दो फसलें तैयार करके उठाया है, जिनके नाम हैं - ब्रिमेटो, ब्रि अर्थात ब्रिजल (बैंगन) और मेटो अर्थात टोमेटो (टमाटर)। यह फसल टमाटर और बैंगन की एक ही पौधे पर कलम लगाकर तैयार की गई है, ताकि किसान एक ही पौधे पर दोनों सब्जियों को उगाकर अपने खेतों में दोनों फसलों की उपज बढ़ा सकें।

ब्रिमेटो को सफलतापूर्वक तैयार करने का श्रेय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली और भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनंत बहादुर और उनकी टीम को जाता है। इसके लिए डॉ. अनंत बहादुर जी ने टमाटर की संकर किस्म "काशी अमन" और बैंगन की संकर किस्म - "काशी संदेश" का चयन किया है।
काशी अमन - यह टमाटर की संकर किस्म है, जो विषाणु रोग के लिए प्रतिरोधी है।
काशी संदेश - यह बैंगन की एक संकर किस्म है, जो बाढ़ और सूखे के लिए प्रतिरोधी है।
इसके लिए  बैंगन का " आईसी 111056" रूटस्टॉक (मूलवृन्त) का चयन किया गया है। इसके अलावा आईसी-354557, आईसी-374873 और सीएचबीआर-2 का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

कलम तैयार करने की विधि
ग्राफ्टिंग के लिए सबसे पहले बैंगन के रूटस्टॉक (मूलवृन्त) को उगाकर तैयार कर लेना चाहिए। जो आईसी-111056 है। इस किस्म में दो शाखाओं के साथ 5% तना होता है। उन पर आप टमाटर और बैंगन दोनों को अलग-अलग शाखाओं पर लगा सकते हैं।
ब्रिमेटो की ग्राफ्टिंग विधि में दो वंशज कलम (स्कोन ग्राफ्ट) की आवश्यकता होती है। एक बैंगन का और दूसरा टमाटर का। ग्राफ्टिंग के लिए पहले दोनों फसलों की पौध तैयार करनी होती है। बैंगन की पौध लगभग 25 से 30 दिन और टमाटर की पौध लगभग 20 से 25 दिन पुरानी होती है।
मूलवृन्त को अंदर की ओर 5 से 7 मिलीमीटर के 45° पर तथा दोनों वंशज को बाहर की ओर 5 से 7 मिलीमीटर 45° पर पेंसिल की तरह छील कर तैयार करना होता है। अब मूलवृन्त पर दोनों वंशजों को लगाकर उन्हें बांधकर एक नियंत्रित वायुमंडलीय स्थिति में रखा जाए, जहाँ तापमान, आर्द्रता और प्रकाश पहले 5 से 7 दिन तक कम तथा समान रहे। उसके पश्चात एक सप्ताह तक आंशिक छाया में रखा जाए। कलम रोपित करने के 15 से 20 दिनों के पश्चात ब्रिमेटो की रोपित कलम वाली पौध को खेतों में प्रत्यारोपित कर दें। खेतों में रोपण के लगभग 60-70 दिनों के पश्चात पौधों पर टमाटर के साथ-साथ बैंगन की सब्जी आने लगती है। 

उर्वरक
उर्वरकों में 25 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद के अतिरिक्त 150:60:100 किलोग्राम एन.पी.के. प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग किया जाता है।

स्त्रोत - ICAR 

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