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खेतों में सिंचाई करने और पेयजल के लिए अब आप सोलर पावर पंप का प्रयोग कर सकते हैं। पंपों की कीमत भले ज्यादा है, मगर एक बार पैसा खर्च करने के बाद बिजली के बिल से जीवन भर निजात मिल जाएगी। सिंचाई और पेयजल के लिए दो से पांच हार्स पावर का सोलर पावर पंप लगाने पर केंद्र सरकार 30 प्रतिशत & राज्य सरकार 75 फीसदी तक अनुदान उपलब्ध कराती है।
देश मे मॉनसून के डेढ़ महीने बीतने के बाद करीब 33 फीसदी की कमी के कारण किसानों को अब अपनी फसल बचाने के लिए सिंचाई के दूसरे साधनों की तरफ देखना पड़ रहा है। देश मे वैकल्पिक सिंचाई व्यवस्था को सुगम और आसान बनाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय अब सोलर सिंचाई पम्प पर 57,600 रुपये प्रति यूनिट का अनुदान देगा। सोलर सिंचाई पम्प किसानों को डीजल और बिजली से चलने वाले उपकरणों की तुलना में सस्ता और सुरक्षित विकल्प प्रदान करता है। गौरतलब है की कृषि मंत्रालय ने सोलर सिंचाई पम्प को कृषि उपकरणों की सूची में जोड़ दिया है, जिससे केंद्रीय योजना के तहत अनुदान उपलब्ध कराया जा सके।
सोलर पम्प पर अनुदान सुलभ
दो एचपी तक के सोलर पम्प पर कुल लागत का अधिकतम 57600 रुपये पार्टी यूनिट का अनुदान दिया जाएगा तथा 3 से 5 एचपी सोलर के पम्प पर 54000 रुपये प्रति यूनिट का अनुदान मिलेगा।
वर्तमान मे विभिन्न राज्यों में उपलब्ध सोलर पम्पों की औसत कीमत: दो एचपी के पम्प रुपये 3.42 लाख है, 3 एचपी की कीमत 5.70 लाख एवं 5 एचपी के पम्प की कीमत लगभग 9.12 लाख है। जिस पर राज्य सरकार 75 फीसदी तक अनुदान उपलब्ध कराती है।
कृषि मंत्रालय ने नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय की सहमति से राज्यों द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली नयी “सब मिशन कृषि यंत्रीकरण योजना” का शुभारंभ किया है। इस योजना में केंद्र राज्य सरकार को विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों की खरीद पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है।
हालांकि केंद्र ने कृषि यंत्रों की गुणवत्ता जाँच के लिए पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलॉजी, लुधियाना को अधिकृत किया है। जिससे किसानो को उत्तम यंत्र मिल सके।
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