Kisaan Helpline
जम्मू। मानव क्लीनिक की तर्ज अब पौधों के लिए क्लिनिक प्लांट किसानों के लिए सहायक साबित हो रहे हैं। सेंटर फॉर एग्रीकल्चर एंड बायोसाइंसेज इंटरनेशनल साउथ एशिया (सीएबीआई) के तकनीकी समर्थन के साथ स्थापित, यह क्लिनिक फल, सब्जी, अनाज और फूल उत्पादक किसानों के लिए वरदान बन गया। प्लांट हेल्थ क्लिनिक यानी प्लांट रोग उपचार केंद्र की मदद से, स्थानीय किसानों की आय में वृद्धि हुई है। क्लिनिक में पौधों की बीमारियों की जांच और उपचार के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन क्लीनिकों की मदद से, कई किसान समय रहते अपनी फसलों को बचाने में कामयाब रहे हैं।
बीमार पौधों के सेंपल की डाक्टर तुरंत जांच कर पोधे की बीमारी से निपटने के उपाय किसानों को उनके मोबाइल पर एसएमएस करके पहुंचाते हैं। किसान उसके अनुरूप बाजार से दवा खरीदकर पौधों का उपचार करता है। यह बिलकुल वैसा ही है, कि जब कोई इंसान बीमार होता है तो डॉक्टर के पास जाता है, और डॉक्टर फॉर्म पर दवा के बारे में जानकारी लिखता है। बाद में रोगी डॉक्टर के कहे अनुसार दुकान से दवा खरीदकर समय-समय पर दवा का सेवन करता है। प्लांट क्लिनिक में भी यही विधि अपनाई जा रही है। पौधों की जांच के बाद, उनके उपचार की जानकारी एसएमएस से किसानो तक पहुंच जाती है और उसी दवा को खरीदकर, किसान अपनों पौधे का इलाज करता है। इतना ही नहीं, पौधों का ख्याल रखना और कितनी-कितनी खाद डाली जाए यह जानकारी भी किसानो की दी जाती है।
पौधों के उपचार के बारे में सही जानकारी देने का ही यह नतीजा है की क्लिनिक पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है। दो साल पहले शुभारंभ हुए इन प्लाट क्लीनिकों की संख्या अब संभाग में बढ़कर 24 हो गई है, अब तक में 2300 किसान यहां पौधों के इलाज की पर्चा पाकर पौधे का उपचार करवा चुके हैं। पहले वर्ष में, 20-30 किसान पूरे महीने इन क्लीनिकों तक पहुंचते थे, लेकिन अब हर महीने सो से अधिक किसान क्लिनिक तक पहुंच रहे है।
अब किसान किसी के कहने से पोधो का इलाज नहीं करता
प्लांट हेल्थ क्लिनिक के प्रभारी अरुण कुमार खजुरिया, जो इन सभी क्लीनिकों को नियंत्रित करते हैं, कहते हैं कि पहली बार, यह महसूस किया गया कि अब किसान मनमाने ढंग से पोधो में बीमारी लगने पर दवाएं नहीं छिड़कता है, और ना ही किसी दुकानदार के कहने पर, इसके बजाय वह प्लांट क्लीनिक में पहुंचकर बीमार पौधे का सेंपल जमा करवाता है और उसके बाद, उपचार की पर्ची का मतलब है की किसानों को एसएमएस के माध्यम से बताया जायेगा। किसान भाई वास्तव में पोधो का स्टीक उपचार करना शुरू कर रहा है। अब किसान मनमर्जी से कीटनाशक नहीं डालते हैं। हम परिवर्तन का यह क्रम हम महसूस कर रहे हैं।
क्लीनिक हर दूसरे और चौथे बुधवार को खुलते हैं
वर्तमान में जम्मू संभाग में 24 प्लांट क्लीनिक हैं, जहां 25 से अधिक प्लांट डॉक्टर काम कर रहे हैं। ये क्लिनिक माह के हर दूसरे और चौथे बुधवार को खुलती हैं। किसानों को उनके क्षेत्र में यह सुविधा मिलती है। यह संपूर्ण कार्यक्रम केबी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के सहयोग से चलाया जा रहा है, जो पौधों के उपचार के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षण दे रहा है और कृषि विभाग के विशेषज्ञ इन केंद्रों का संचालन करते हैं।
यह क्लिनिक कहां है
जम्मू संभाग में सांबा कठुआ व जम्मू जिले में ५-5क्लीनिक हैं। जबकि राजौरी व ऊधमपुर जिलों में ४-४ क्लीनिक चल रहे हैं। जब की एक लैब जम्मू के तालाब तिल्लो में काम कर रही है। कठुआ जिले में बसोहली, दियालाचक, राजबाग, बिलावर व कठुआ में हैं। जबकि सांबा जिले में घघवाल, रामगढ़, सरोर, रईयां व विजयपुर में हैं। जम्मू जिले में अरनियां, बासपुर बंग्ला, मढ़, मंडाल फलाएं, तालाब तिल्लो में हैं। ऊधमपुर जिले में चनैनी, ऊधमपुर कस्बा, रामनगर, मजालता में यह क्लीनिक चल रहे हैं। जबकि राजौरी में कालाकोट, सुंदरबनी, नौशहरा व राजौरी में यह क्लीनिक हैं।
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