जगाधरी : इस बार कृषि विभाग ने नौ हजार एकड़ पर सीधी धान की बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि इस प्रणाली से जो किसान
धान की रोपाई करते है, उन किसानों को प्रति एकड़ करीब 10 हजार रुपये का फायदा भी होगा। इसी के साथ ये भी जानकारी है की, किसानों को वहीं विभाग की ओर से पांच हजार रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि सीधी बिजाई से पैदावार भी बढ़िया होती है।
विभाग के कुछ अधिकारियों के मुताबिक एक किसान ढाई एकड़ में धान की सीधी बिजाई करवाने का लाभ उठा सकता है। इसके अलावा अगर देखा जाये तो पौध के जरिए धान की रोपाई करने से लागत कई गुणा बढ़ जाती है। रोपाई से पहले जहां कई बार खेत की जुताई करवानी पड़ती है। इसके अलावा खेत में पाड़े भी कटवाने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया में कई गुणा पानी की जरूरत पड़ती है। अधिकारियों के मुताबिक ट्रैक्टर से पाड़े कटवाने के दौरान डीजल की खपत बढ़ जाती है। रोपाई के लिए समय पर मज़दूर न मिलने से खेती प्रभावित होती है।
सरकारी दुकानों से लेनी होगी बीज दवाई
सीधी बिजाई करवाने वाले किसानों के सामने विभाग ने एक शर्त भी रखी है। उन्हें अपने क्षैत्र की सरकारी दुकानों से ही खाद, बीज व दवाई लेनी होगी। बीज खरीदारी के बाद, उस बिल को उन्हें कृषि विकास अधिकारी या खंड कृषि अधिकारी के पास जमा करवाना होगा, बिल जमा करवाने पर ही किसानो को अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही अनुदान राशि किसान के खाते में डाली जाएगी। इसके बावजूद अगर किसान ने प्राइवेट दुकान से बीज व अन्य चीजें ली, तो वह अनुदान का हक़दार नहीं होगा। अनुदान लेने के लिए उसे प्रकिया का पालन करना होगा।