कोलकाता: बागान मालिक संघ के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा, दार्जिलिंग चाय उद्योग की हालत 'खराब' है क्योंकि पहाड़ियों में लॉकडाउन और अत्यधिक बारिश के चरणों के कारण उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
दार्जिलिंग इंडियन टी एसोसिएशन के सचिव मोहन छेत्री ने कहा, बागान मालिक इस साल नुकसान की आशंका जता रहे हैं क्योंकि उत्पादन करीब सात करोड़ किलो के सालाना उत्पादन से कम होगा। उद्योग की हालत खराब है। उन्होंने कहा, लॉकडाउन और अत्यधिक बारिश के चरणों ने फसल पर टोल ले लिया है। इससे पहले दार्जिलिंग ऑर्थोडॉक्स किस्म का उत्पादन सालाना करीब नौ करोड़ किलोग्राम था।
यह घटकर सात मिलियन किलो हो गया था। इस साल यह इससे भी कम होगा। उत्पादन की रिकवरी को लेकर इंडस्ट्री में तेजी नहीं है। उन्होंने कहा, आउटपुट लॉस का पता अक्टूबर के बाद ही लगाया जा सकता है। छेत्री ने कहा कि दार्जिलिंग में आमतौर पर तापमान साल के इस समय नीचे जाने लगता है, जो उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है।
छेत्री ने कहा कि दार्जिलिंग में आमतौर पर तापमान साल के इस समय नीचे जाने लगता है, जो उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है। आदर्श तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस के बीच है। उन्होंने कहा, अब यह उससे कम है। इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के अनुमान के अनुसार, असम और उत्तर बंगाल को मिलाकर उत्तर भारत में उत्पादन 2019 के इसी महीनों की तुलना में इस साल जनवरी-जून की अवधि के दौरान 40 प्रतिशत नीचे रहा।
कलकत्ता चाय व्यापारी संघ के अध्यक्ष विजय जगन्नाथ ने कहा था कि भारतीय चाय उद्योग वर्ष के दौरान लगभग 200 मिलियन किलो फसल नुकसान को घूर रहा है।