वर्तमान समय में किसान भाई उच्च तकनीक, टपक व फुव्वारा सिंचाई प्रणाली के उपयोग से जल व ऊर्जा की बचत करे।
इन तकनीक के प्रयोग से जल की बचत 40-70 प्रतिशत तक होती है व पौध पोषण के रिसाव में कमी से उसकी बचत होती है। यह तकनीक से ऊर्जा व श्रम की बचत भी करता है। इसका उपयोग उचे-नीचे सतह व ढलान वाले क्षेत्र में संभव हो जाता है। इसके उपरान्त फसल में रोग व कीटों से बचते हैं।
यह नर्सरी, पॉलिहाऊस के लिए उपयोगी है जहां पर आर्द्रता के स्तर को 'मिस्ट स्प्रेयर' जिससे कुहासा-जल की छोटी बूंदों से व मिनी स्प्रिंकलर से संभव हो जाता है। फर्टिगेशन पम्प से बायो-अवशोषणीय-बायोटेक पोषण व सुरक्षा हेतु उपयोग किये जाने वाले रसायन से उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाना संभव होता है।