तीसरी बार सोयाबीन की फसल ने किसानों को दिया धोखा

तीसरी बार सोयाबीन की फसल ने किसानों को दिया धोखा
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Kisaan Helpline

Agriculture Aug 25, 2015

मंदसौर

खरीफ फसल ने साल किसानों के साथ तीन बार धोका किया हैं। अफल की स्थिति देखते हुए जब किसानों की मांग पर प्रशासन ने सर्वे शुरू किया तो नई स्थिति सामने आई अब फसलों में एक बार फिर फूल आने लगे हें। हालांकि उत्पादन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। अब किसान फसल बीमे को लेकर चिंतित हैं। कृषि अधिकारी फूल आने के फली व दाने आने की बात कह रहे है।

मानसून की स्थिति को देखते हुए इस साल किसानों ने जून में ही फसल की बोवनी की। खरीफ में 3 लाख 33 हजार 300 हेक्टेयर में बोवनी हुई। इसमें 2 लाख 82 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की ही बोवनी हुई। बोवनी के बाद लंबे अंतराल तक बारिश नहीं हुई। पूर्व में हुई बारिश की नमी के चलते फसलों का अंकुरण हो गया। इसके बाद बारिश की खेंच से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ा। अंकूरण के बाद सोयाबीन पौधों की जड़ों में बनने वाली नाइट्रोजन गांठ के दौरान बारिश नहीं होने से वे नहीं बनी। इससे फसलों का विकास रुक-सा गया। जुलाई में हुई बारिश से सर्दगर्म की स्थिति निर्मित हो गई। बारिश के बाद खेतों में जल भराव हुआ। इल्लियों का प्रकोप साफ नजर आया। जड़ सड़न से फसलों में अफलन की स्थिति बनने लगी। किसानों की मांग पर 5 दिन पहले ही कृषि वैज्ञानिकाें व राजस्व की संयुक्त टीम ने सर्वे शुरू किया।

फसल बीमे को लेकर चिंतित हुए किसान

जिले में सोयाबीन की फसल की बोवनी को लेकर 60 दिन हो गए है। ऐसी स्थिति में एक बार फिर फसलों में फूल आना किसानों के लिए परेशानी भरा हो गया है। अब स्थिति यह बन रही है कि फसले विभाग की नजरों में खराब नहीं हैं। किसानों की नजरों में फसलें खराब से कुछ कम भी नहीं है। धमनार निवासी नरसिंह धाकड़, मजेसरा निवासी रामसिंह सिसौदिया ने बताया फसलों में फूल आ रहे हैं। इससे फसल लेट होगी उत्पादन भी कम होगा। नुकसान है लेकिन यह नुकसानी विभाग की नजरों में नहीं आ रही है।

इस बार जल्दी बोवनी -जिले में इस साल किसानों ने जून में बोवनी कर दी। हर साल जुलाई तक खरीफ की बोवनी होती है। उपसंचालक कृषि आरएल जमरे ने बताया किसानों ने बोवनी जल्द की थी। अब फसलों में फूल आने की स्थिति में उन्हें नुकसान नहीं है क्योंकि अंतिम समय में फसल टाइम कवर कर लेती है। रहा सवाल उत्पादन प्रभावित होने का तो वह होगा लेकिन कितना होगा यह नहीं कह सकते।

इंशुरेंस कंपनी देती है बीमा -खरीफ फसल के लिए जिलेभर के 2 लाख किसानों ने जिला सहकारी बैंक से लोन लिया है। सभी को बीमा किया है। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एनयू सिद्दकी ने बताया बीमा न्यू इंडिया इंशुरेंस कंपनी ने किया है। वे ही कृषि अधिकारियों व राजस्व की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बीमे का निर्धारण करेंगे।

क्षेत्र के ग्राम धमनार में इल्ली से प्रभावित सोयाबीन की फसल का निरीक्षण करते कृषि वैज्ञानिक व अधिकारियों का दल। इनसेट-धुंधड़का में अफलन का शिकार हुई सोयाबीन की फसल पर आए फूल।

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