यदि हर घर या अपार्टमेंट की एक तिहाई छत का बागबानी के लिये उपयोग करें तो प्रतिदिन सब्जियां लगभग 50-70% तक प्राप्त की जा सकती है। वर्तमान परिस्थिती में सघन उत्पादन किया जा रहा है। यानी कि प्रत्येक इंच जमीन से उत्पादन लिया। जा रहा है। इसके लिये चाहे जो करना पड़े, उत्पादक करता है। जैसे अन्धाधुन्द कीटकनाषक, फफुंदनाषक जिसका स्वास्थ पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। (हार्मोस वर्धक का उपयोग करना) टेरेस गार्डनिंग से विषरहित ताजी सुलभ सब्जी प्राप्त की जा सकती हैं। इससे समय, पैसा, आदि तो बचता ही है, साथ ही शारिरिक, मानसिक, प्राकृतिक शांति भी मिलती है।
छत में बागबानी करने के तरीके: छतों में उन सभी बर्तनों का आदि उपयोग कर सकतें है, जिसमें लगभग 8-9 इंच मिट्टी भरी जा सके। उस बर्तन में जल निकास के लिये छिद्र बनाकर सब्जियां उगाई जा सकती है।
छत में: कॉक्रीट की क्यारियो में छत से लगभग 4-6 इंच उपर उठाकर 3.5 फीट चौड़ी, 8-10 फीट लंबी एवं 9-12 इंच ऊची क्यारिया बना ले तथा एक दिषा की ओर जल निकास के लिए एक इंच मोटा पाईप लगाकर छत के जल निकास पाइप के पास छोड दे, जिससे रिसा पानी बाहर निकल जाए।
प्लास्टिक की क्यारियो में: प्लास्टिक की 3 फिट लम्बी, 2 फीट चौड़ी एवं 9 इंच ऊची (गहरी) क्यारिया बनी बनाई बाजार में उपलब्ध है। उनको खरीद सकतें है। इस क्यारियों में भी जल निकास के लिए एक किनारे में 1 इंच चौड़ा छिद्र कर दीवार से 1 फिट दूर डेढ़-डेढ़ फीट की दूरी पर रखें, इससे एक क्यारि की फसल दुसरी क्यारि की फसल को प्रभावित ना करें।
गमलों में: यदि गमलों में सब्जियों को लगाना हो तो एक फीट पास एवं डेंढ फिट ऊंच गमलो का चयन कर आसानी से छत पे सभी प्रकार की सब्जिया उगाई जा सकती हैं। बेलवाली सब्जीयों को छोड़कर जैसे- कद्दू, लौकी आदि ।
प्लास्टिक की ऑफिस ट्रे: बड़े आकार के 12-18 या 15-24 एवं 4 इंच जिस आकार में बाजार में उपलब्ध हो, लेकर उसमें भी प्लास्टिक की क्यारियों की भांति एक कोने में जल निकास लगाकर सभी को आपस में जोड़ दें, जिसमें पानी आसानी से बाहर निकल जायें । इन ट्रे में धनिया, चौलाई, भाजी, पालक, मैथी, लहसुन, प्याज आदी को आसानी से उगाया जा सकता है।