किसान इन दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण परेशानी में नज़र आ रहे हैं। मध्य प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश (Unseasonal Rain) के कारण फसलों बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ हैं। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ओलावृष्टि, बारिश और आंधी से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। केला, प्याज और हल्दी की फसल को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश और बिहार में आम, लीची, टमाटर समेत कई फसलों को नुकसान की खबरें आ रही हैं।
केला, प्याज और हल्दी की फसलें बर्बाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि और तेज आंधी के कारण केला, प्याज और हल्दी की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। नुकसान को देखते हुए किसानों ने जिला प्रशासन से सर्वे की मांग की है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टी के कारण केले और हल्दी फसल को भारी नुकसान हुआ है। केले के पौधे उखड़कर खेतों में बिछ गए हैं। किसानों के अनुसार वर्षा से हल्दी भीग जाने के कारण सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में लगी मक्का फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब सात सौ एकड़ में लगी फसलों को नुकसान हुआ है।
राज्य सरकार से मुआवजे की मांग
स्थानीय लोग केले की फसल को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि बारिश के कारण हमारी सारी मेहनत बर्बाद हो गई है। लाखों का नुकसान हुआ है। हम बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। हम प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि पिछले 3 साल से केले की फसल का बीमा नहीं हुआ है। यह तुरंत होना चाहिए। इसके अलावा किसानों को फसल नुकसान के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।
राज्य सरकार ने सर्वे करने के दिए निर्देश
किसानों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने सर्वे कराना शुरू कर दिया है। कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग की संयुक्त टीम फसलों के नुकसान का आकलन करने में लगी हुई है। टीमों के स्तर से सर्वे का काम तेज कर दिया गया है। वहीं, एमपी के बुरहानपुर में बड़ी संख्या में किसान केले की खेती करते हैं। ऐसे में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं बड़ी संख्या में किसान ऐसे भी हैं जो आरोप लगा रहे हैं कि उनकी फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है, वहीं सर्वे वाली टीम नुकसान का आंकलन कम दिखा रही है।