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भारत और इजराइल के सहयोग से निर्मित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट में तैयार किए जा रहे, नर्सरी की जानकारी और तकनीक देखने बुधवार को इजराइल सरकार के काउंसलर बस्ती पहुंचे। उन्होंने वह गोटवा स्थित फल उत्कृष्टता केंद्र बंजरिया फार्म में जाकर मौके पर उगाए गए पौधों की जानकारी ली, और नई तकनीक से पौधे उगाने की विधि बताई। और उन्होंने सलाह दी कि इजराइली तकनीक से एक तो पौधे स्वस्थ रहेंगे, दूसरे पौधे बढ़े होकर फल जल्दी आएंगे। 2 किलो के बजाए, 5 किलो थैला में पौधे उगाने को कहा। इसके अलावा हाईटेक नर्सरी में सब्जी और फल के डेढ़ लाख नर्सरी नई विधा के उगाने के लिए कहा गया।
हम आपको बता दें कि भारत और इजराइल सरकार के साझा कार्यक्रम के तहत सूबे के बस्ती व कन्नौज में सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फ्रूट पाली हाउस बन चुका है। बस शुभारंभ होना बाकी है। नई प्रजाति के पौधे की खोज शुरू हो गई है। कार्य प्रगति और पौधे की स्थिति देखने आए इजराइल के एग्रीकल्चर काउंसलर डान हुलूप ने मौके की स्थिति देखी। क्रमवार लगाए गए नई विधि के पौधों को गंभीरता से देखा। कमी बताई और उसमें क्या नई तकनीक अपनाएं इसकी जानकारी दी। कहा कि इस विधि से तैयार पौधे स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा एक और सहूलियत किसानों के लिए दी गई, जो किसान खुद का बीज लेकर पौधे चाहते हैं वह यहां बीज दे देंगे, उनको पौधे मिलेंगे। संयुक्त निदेशक उद्यान डा. आरके तोमर ने बताया कि पाली हाउस पूरी तरह से ड्रिप सिस्टम से सिचाई युक्त है। आम के पौधे का रिसर्च शुरू हो गया है। जल्द ही अन्य पौधे डाले जाएंगे। इसके अलावा रुधौली के एक किसान ने इजरायइल विधि से आम के बाग का जीर्णोद्वार करने की मांग की। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वीरेंद्र यादव, राम सुरेश राम, एलबी सह, धर्मेंद्र चंद्र चौधरी, राम निहाल मौर्य, जैन कंपनी से चंद्रकांत पांडेय, विनोद कुमार शुक्ल मौजूद रहे।
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