सूक्ष्म सिंचाई कर सकती है हर किसान को खुश, जानिए क्या है सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली

सूक्ष्म सिंचाई कर सकती है हर किसान को खुश, जानिए क्या है सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली
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Kisaan Helpline

Agriculture May 17, 2022

टपक व स्प्रिंक्लर प्रणाली से सिंचाई करने से जल की उत्पादनशीलता को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए किसानों में जागरूकता लानी आवश्यक है। 1 जुलाई 2015 को 'हर खेत को पानी' के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की गई। इसके तहत प्रत्येक अंतिम किसान को सिंचाई के स्रोत, जल वितरण प्रणाली व खेत स्तर तक क्रियान्वयन व सिंचाई से जुड़ी समस्याओं के हल प्रदान किए जा रहे हैं। प्रत्येक पानी की बूंद से ज्यादा फसल उत्पादन करना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत् समस्त देश में वर्ष 2015-16 में लागू किया गया, जिससे सिंचाई की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। सूक्ष्म सिंचाई के विभिन्न अवयवों में जल विद्युत, उर्वरक, श्रमिक शामिल किए जाते हैं। इससे फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे वे सही दामों में बेचे जा सकते हैं। इस तरह किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में उपलब्ध सिंचाई योग्य जल से परंपरागत सिंचाई की तुलना में अतिरिक्त क्षेत्र में भी सिंचाई की जा सकती है। इसके साथ-साथ वह भूमि जहां पानी अनुपलब्ध है, सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से उबड़-खाबड़ भूमि को भी आसानी से सिंचित कर कृषि योग्य बनाया जा सकता है। धान, गेहूं--प्याज, आलू जैसी ज्यादा दूरी पर बोई जाने वाली फसलों में सूक्ष्म सिंचाई का काफी प्रयोग किया जा सकता है। इस सिंचाई प्रणाली से 20 से 48 प्रतिशत पानी की बचत होती है। 10 से 17 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। श्रमिक खर्च में 30 से 40 प्रतिशत की बचत होती है। उर्वरकों की 11 से 19 प्रतिशत बचत होती है। फसल उत्पादन में 20 से 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही किसानों की वार्षिक आय में अच्छी-खासी वृद्धि होती है।

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