जहां चाह, वहां राह; उत्तराखंड के एक व्यक्ति ने नौकरी छोड़कर थाई अमरूद की खेती शुरू की और अब लाखों रुपये कमा रहा है। नैनीताल में जन्मे राजीव भास्कर ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि रायपुर की एक बीज कंपनी में काम करते हुए उन्होंने जो विशेषज्ञता हासिल की है, वह एक दिन उन्हें एक समृद्ध किसान और उद्यमी बनने में मदद करेगी।
कृषिजागरण से बातचीत में राजीव ने बताया कि उन्होंने वीएनआर सीड्स कंपनी की सेल्स और मार्केटिंग टीम के सदस्य के रूप में करीब 4 साल तक काम किया। इस दौरान देश के अलग-अलग क्षेत्रों के कई किसानों से बात करने का मौका मिला। इन किसानों से बात करने के बाद मुझे खेती के बारे में पता चला। इससे प्रेरित होकर राजीव ने नौकरी छोड़ दी और खेती करने की योजना बनाई।
राजीव ने एग्रीकल्चर में बीएससी की पढ़ाई की है
राजीव ने बताया कि भले ही मैं एग्रीकल्चर में बीएससी हूं, लेकिन जब तक मैंने वीएनआर सीड्स के साथ काम करना शुरू नहीं किया, तब तक मुझे एग्रीकल्चर में करियर बनाने की कोई इच्छा नहीं थी। इस दौरान मैंने डिस्टेंस लर्निंग से एमबीए किया। लेकिन जैसे-जैसे मैंने बीज और पौधे बेचना शुरू किया, कृषि में मेरी दिलचस्पी बढ़ती गई और आखिरकार मैंने इसमें हाथ आजमाने का फैसला किया।
प्रति एकड़ करीब छह लाख रुपये का औसत मुनाफा
अपनी नौकरी के दौरान राजीव ने अमरूद की थाई किस्म के बारे में भी सीखा। राजीव ने साल 2017 में नौकरी छोड़ दी। हरियाणा के पंचकुला में 5 एकड़ किराए की जमीन पर थाई अमरूद की खेती शुरू की। 30 वर्षीय एग्रीप्रेन्योर राजीव अब 25 एकड़ में थाई अमरूद की खेती कर रहे हैं। जहां वह लगभग 12 हजार पेड़ लगाते हैं और प्रति एकड़ लगभग 6 लाख रुपये का औसत मुनाफा कमाते हैं।