फसल में कीड़े लग जाने या खरपतवार से पौधो के रोगी और बेकार होने की परेशानी से लगभग हर किसान परेशान रहता है। अधिकतर देखा गया है कि सोयाबीन की बुआई करने के बाद निरंतर बारिश के कारण खरपतवारों से निपटने का उचित अवसर ही नहीं मिल पाता है इसलिए अच्छा यही होता है की यदि बुआई पूर्व भूमि उपचार बासालिन 1000 से 1250 ग्राम दवा का छिड़काव भूमि में कर लिया जाये तो उत्तम होगा इससे प्रारंभिक अवस्था में आने वाले खरपतवारों को रोका जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि किसी भी फसल में कीट/रोग या खरपतवारों को यदि उनकी क्रांतिक अवस्था में ही रोका जाये तो उसका अच्छा लाभ मिल सकेगा।
सोयाबीन में यह क्रांतिक अवस्था 20-40 दिनों तक रहती है उसके बाद खरपतवारों को नियंत्रण करने के उपाय आर्थिक दृष्टि से लाभकारी नहीं रहते हैं। अंकुरण उपरांत कोपलों की रक्षा पक्षियों के साथ एक निंदाई हाथ से करना अत्यंत लाभकारी होगा। विशेषकर दो पौधों के बीच में उग रहे खरपतवारों को निकालना तथा दो पंक्तियों के बीच में हस्तचलित यंत्र चलाकर भी अच्छी निंदाई की जा सकती है।
इन तरीको को अपनाकर आप खरपतवारों को जड़ से नष्ट कर सकते है।