सफल मशरूम उत्पादक किसान कृषक श्री अखिलेश मौर्य, (ग्राम दिनेशपुर, रुद्रपर) ने लगभग छः वर्ष पूर्व मशरूम की खेती करने का विचार बनाया। इसकी शुरूआत उन्होंने मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, पंतनगर से वर्ष 2012 में तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात की।
प्रशिक्षण उपरान्त उन्होंने अपने दो साथियों के साथ एक झोपड़ी में ट्रे प्रणाली द्वारा लगभग
30, 000 रुपये के निवेश के साथ शुरूआत की। मशरूम उत्पादन के लिए कुछ कम्पोस्ट स्वयं तैयार की और कुछ खरीद कर लाये।
धीरे - धीरे अनुभव व तकनीकी ज्ञान के साथ उन्होंने मशरूम का अच्छा उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया, जिसमें उनके परिवारवालों ने उनका साथ दिया। आज की स्थिति में ये कम्पोस्ट खुद ही तैयार करते हैं। अगस्त के अंतिम सप्ताह से ही वे सामग्री जुटाने लगते हैं तथा सितम्बर अंत तक कम्पोस्ट बनाना शुरू कर देते हैं।
अक्टूबर में स्पॉनिंग कर नवंबर में ही मशरूम बाजार में उपलब्ध करा देते हैं। बाजार में सबसे पहले आने के कारण ये मशरूम 180 - 250 रुपये कि . ग्रा . निक बेच लेते हैं जबकि औसतन मशरूम का बाजार भाव 120 रुपये/ कि.ग्रा. तक रहता है। 200 ग्राम व 150 ग्राम के पैकेट बनाकर वे बगवाड़ा मण्डी, रूद्रपुर व हल्द्वानी मण्डी तक मशरूम बेचते हैं।
प्रारंभ में श्री अखिलेश सिर्फ अपने फसल कक्ष में उत्पादित मशरूम ही बेचते थे , जिसमें उत्पादन कम होने के कारण विपणन संबंधी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। कभी - कभी मशरूम नहीं भी बिक पाता था परंतु अपने परिवार व मित्रों के सहयोग व अथक प्रयास द्वारा आज ये एक सफल मशरूम उत्पादक हैं । इनके गांव के कई अन्य लोग भी अब मशरूम उत्पादन कर रहे हैं।
श्री अखिलेश ने सिर्फ उत्पादन बल्कि मशरूम के विपणन में भी अपने क्षेत्र के अन्य लोगों का सहयोग कर रहे हैं।