समर्थन मूल्य पर खरीद पंजीकरण 20 फरवरी तक: जानें, कैसे और कहां कराएं रबी फसल बेचने के लिए पंजीयन?

समर्थन मूल्य पर खरीद पंजीकरण 20 फरवरी तक: जानें, कैसे और कहां कराएं रबी फसल बेचने के लिए पंजीयन?
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Kisaan Helpline

Agriculture Feb 09, 2021

मध्यप्रदेश में रबी फसल के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं। इधर प्रशासन भी किसानों से रबी फसल की खरीद के लिए व्यवस्थाओं की तैयारी में जुट गया है। किसान अपनी रबी फसल बेचने के लिए 20 फरवरी तक फसलों का पंजीयन करा सकते हैं। इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों से गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा की है। प्रदेश में रबी फसल की खरीदी का काम 15 मार्च से शुरू हो जाएगा।

रबी फसल की खरीद को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश किसानों से रबी फसल की खरीद को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में रबी उपार्जन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गेहूं के उपार्जन कार्य में किसानों को उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। समय पर उनकी फसल का उपार्जन हो तथा उपार्जन के बाद भुगतान में विलंब न हो। मेरे लिए एक-एक किसान महत्वपूर्ण है। किसी का भुगतान नहीं रुकना चाहिए। उपार्जित फसल के तुरंत परिवहन की व्यवस्था की जाए।

- गेहूं की खरीद 22 मार्च से होगी शुरू:
प्रदेश में इस बार गेहूं का उपार्जन 22 मार्च से इंदौर एवं उज्जैन संभाग में तथा 1 अप्रैल से शेष संभागों में किया जाएगा। उपार्जन के लिए पंजीयन अभी चल रहे है, जो 20 फरवरी तक चलेंगे। इस बार भी गत वर्ष की तरह 4,529 उपार्जन केंद्र बनाए जा रहे हैं। इस बार 125 लाख मैट्रिक टन गेहूं उपार्जन का अनुमान है। अभी तक 4 लाख 13 हजार किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष 19 लाख 47 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 15 लाख 81 हजार किसानों ने गेहूं बेचा। उपार्जन के लिए इस बार सिकमी/बटाईदारों के अधिकतम 5 हेक्टेयर रकबा के पंजीयन की सुविधा प्रदान की जा रही है।

- गेहूं का समर्थन मूल्य इस वर्ष 50 रुपए अधिक:
इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 1,975 रुपए प्रति क्विंटल है जो कि पिछले वर्ष 1,925 रुपए की तुलना में 50 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है। इस बार गेहूं की बोनी का रकबा 98 लाख 20 हजार हेक्टेयर है। इस बार करीब 20 लाख किसानों के पंजीयन का अनुमान है।

- चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी 15 मार्च से:
चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 15 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 15 मई तक चलेगा। इस बार इनका पूरा उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया जाएगा। चने का समर्थन मूल्य 5,100 रुपए, सरसो का समर्थन मूल्य 4,650 रुपए और मसूर का समर्थन मूल्य 5,100 रूपये प्रति क्विंटल है। चने का उपार्जन 14.51 लाख टन, मसूर का 1.37 लाख टन तथा सरसो का 3.90 लाख टन अनुमानित है।

- स्व-सहायता समूहों के माध्यम से भी की जाएगी फसलों की खरीद:
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत बार की तरह इस बार भी स्व-सहायता समूहों तथा कृषि उत्पादक समूहों को उपार्जन कार्य दिया जाएगा। पिछले वर्ष 39 उपार्जन केंद्रों पर स्व-सहायता समूहों एवं कृषि उत्पादक समूहों द्वारा 9 लाख 78 हजार 526 क्विंटल गेहूं उपार्जित किया गया, जो कुल उत्पादन का 3 प्रतिशत था।

- किसान को उपज भुगतान नहीं करने पर कुर्क होगी संपत्ति
मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एक भी किसान की उपज का भुगतान न होना अपराध है। दोषियों की संपत्ति कुर्क करें। उन्हें जेल भेजें तथा किसानों को भुगतान करायें। जितने किसानों का भुगतान बकाया है, उनकी सूची उन्हें तुरंत उपलब्ध कराई जाए। जिन सहकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता संदिग्ध हो, उन्हें इस बार उपार्जन का कार्य न दिया जाए।

- किसान रबी फसल बेचने के लिए कहां और कैसे कराएं पंजीकरण?
राज्य के किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए किसान पंजीयन किसान समर्थन मूल्य पर अपनी गेहूं की उपज बेचने के लिए सोसाइटी के माध्यम से अथवा ई-उपार्जन पोर्टल से पंजीयन करवा सकते हैं। किसानों का पंजीयन ऑनलाइन किया जाएगा। किसान एमपी किसान एप, ई-उपार्जन मोबाइल पंजीयन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र और ई-उपार्जन केन्द्रों या समिति स्तर पर स्थापित पंजीयन केंद्र पर जाकर अपनी उपज का पंजीकरण करवा सकते हैं।

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