इस साल मार्च का महीना किसानों के लिए बेहद निराशाजनक साबित हुआ। मार्च के पहले पखवाड़े से ही बेमौसम बारिश ने मध्य और उत्तर भारत में दस्तक दे दी। फरवरी में अचानक तापमान बढ़ने से सरसों और गेहूं की फसल नुकसान में जा ही रही थीं, लेकिन फिर मार्च की बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में कटने को तैयार खड़ी गेहूं व सरसों के साथ ही चना व मसूर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। कई राज्य सरकारों ने आगे आकर किसानों पर संकट की इस घड़ी में मुआवजे की घोषणा की, लेकिन बर्बाद हुई फसल किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई। अब किसानों की यह परेशानी भी दूर हो गई है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने अपने राज्य में बारिश और आंधी से खराब हुई फसलों को खरीदने का फैसला किया है।
मध्यप्रदेश में मार्च के तीसरे सप्ताह में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब राज्य सरकार भी समर्थन मूल्य पर शाइनलेस (चमकविहीन) गेहूं खरीदेगी। शिवराज सरकार की मांग पर केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने यह छूट दी है। हालांकि केंद्र ने कहा है कि शाइनलेस गेहूं का स्टॉक अलग रखना होगा। यदि इसकी गुणवत्ता खराब होती है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
बिना मूल्य कटौती के 10 फीसदी तक नुकसान वाले गेहूं की खरीद करेगी
दरअसल, राज्य सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि के बाद दागी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद में छूट देने की मांग की थी। इसके बाद एक सप्ताह पहले केंद्र से उपभोक्ता मामले और भारतीय खाद्य विभाग की टीम ने फसल की स्थिति देखने के लिए राज्य का दौरा किया था। अफसरों ने देखा कि गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है लेकिन यह काम आ सकता है। इसके बाद जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी, जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया। केंद्र ने कहा कि किसानों की मुश्किलें कम करने के लिए रबी विपणन सीजन 2023-2024 में एक अप्रैल से शाइनलेस गेहूं को उपार्जन में शामिल करने की छूट दी जा रही है। अब एक अप्रैल से राज्य सरकार बिना मूल्य कटौती के 10 फीसदी तक नुकसान वाले गेहूं की खरीद करेगी। बाद में यह छूट 10% से 80% तक होगी।
राज्य में 25% तक नुकसान हुआ है
दरअसल, मार्च के तीसरे सप्ताह में नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, उज्जैन, चंबल, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग में बारिश हुई थी. सर्वे टीम यहां पहुंच पाती या सरकार नुकसान का आकलन कर पाती, इससे पहले ही मंडला बालाघाट, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी, शहडोल, छिंदवाड़ा में चौथे हफ्ते में बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। विदिशा के खेतों को हुए नुकसान को देखने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद गए थे। वहां से घोषणा की गई कि जिन किसानों की फसल 50 प्रतिशत तक खराब हुई है, उन्हें 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा. प्रथम चरण में रतलाम, आगर मालवा, रायसेन, विदिशा, खरगोन, राजगढ़, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, धार में 10 से 25 प्रतिशत तक क्षति का प्रारंभिक आकलन किया गया।
गेहूं की खरीदी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी
वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ एवं रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी कर दिया गया है, जिसमें 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ उपार्जित किया जायेगा। जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,735 रुपये, चना का 5,335 रुपये, मसूर का 6,000 रुपये, रेपसीड और सरसों का 5,450 रुपये और कुसुम का 5,650 रुपये निर्धारित किया गया है।