सैकड़ों एकड़ धान की फसल में लगी चतरा रोग

सैकड़ों एकड़ धान की फसल में लगी चतरा रोग
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Kisaan Helpline

Agriculture Oct 01, 2018

बिहार। भोजपुर के अधिकांश प्रखंडों में धान की फसल में चतरा रोग लग जाने से किसान परेशान हो गए हैं। कई प्रखंडों के कृषक पौधे के साथ जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पहुंच गए। किसानों ने पौधे में लगे चतरा रोग को कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पी के द्विवेदी से धान की फसल दिखाते हुए इसके समाधान करने की बात कही। चतरा रोग लग जाने के कारण धान के पौधे की पती पीला लाल होकर सूखने लग रहा है। यहां तक कि पौधे में लगे कीट के कारण जगह-जगह पर पौधे सूख जा रहे हैं।

 

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पी के द्विवेदी ने बताया कि विपरीत मौसम एवं उमस भरी गर्मी के कारण धान की फसल में चतरा रोग लग रहा है। कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को दवा का छिड़काव करने का सुझाव दिया।

 

बता दें कि बुधवार को जगदीशपुर प्रखंड के शिवपुर गांव के मूल निवासी शिव भूषणसिंह, उदवंतनगर प्रखंड के सोनपुरा गांव के रहने वाले कृषक रामेश्वर नाथ दुबे, संदेश प्रखंड के रामासाढ़ गांव के निवासी विकास चंद्र वर्मा, खोलपुर पंडुरा के अजय कुमार एवं सदर प्रखंड के बेला गांव निवासी ओम प्रकाश मिश्रा धान की फसल में चतरा रोग लग जाने को लेकर अपनी-अपनी खेतों के पौधों को लेकर यहां पहुंचे थे।

 

सैकड़ों एकड़ बीघा में चतरा रोग लग जाने से किसानों के बीच हाय तौबा मची हुई है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉक्टर पी के द्विवेदी ने किसानों को कार टॉप हाइड्रोक्लोराइड दवा का छिड़काव करने की सलाह दी।

 

चतरा रोग की पहचान :

 

पौधे में सफेद चूना की तरह दिखाई देता है। अंदर गुलाबी छोटे चावल के दानों की तरह कीड़े होते हैं। इन्हें मिनी बाग एवं स्थानीय स्तर पर चतरा कहते हैं। इस बीमारी के बाद धान में गलका रोग का प्रकोप बढ़ जाता है एवं पत्ता गला एवं सुखा हुआ दिखाई देता है। विशेष तौर पर निचले भागों में पहले प्रकोप होता है और बाद में पूरा पौधा बीमारी से सूख एवं गल जाता है।

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