मानसून का वितरण असामान्य रहने के कारण इस वित्त वर्ष में देश के अधिकांश राज्यों के जिलों में कहीं बहुत अधिक बारिश से तो कहीं कम बारिश से किसानों की खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है | कम वर्षा के चलते किसानों की खड़ी फसलें सूखने लगी है |
ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अल्पवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में अल्पवृष्टि के कारण सूखने से फसलों को नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने अल्पवृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का संयुक्त सर्वे दल के माध्यम से आंकलन करने के निर्देश दिए हैं।
फसल बीमा योजना के तहत किसानों को जल्द दिया जाये मुआवजा
राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि राजस्व विभाग, कृषि विभाग तथा इंश्योरेंस कंपनी संयुक्त रूप से सर्वे कर किसानों को हुए नुकसान का आंकलन करे। इसके आधार पर प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने अल्पवर्षा वाले जिलों में पेयजल, चारा डिपो, पशु शिविर आदि के लिए अभी से समस्त अग्रिम तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं |
कम वर्षा के चलते 14 जिलों में हुआ फसलों को भारी नुकसान
31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य औसत से 12.30 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। राज्य के 14 जिलों- सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, राजसमंद एवं उदयपुर में औसत से कम वर्षा हुई है। इन जिलों में जिन स्थानों पर खराबा हुआ है, वहां सर्वे एवं गिरदावरी की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी करवाकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी |
राजस्थान के इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश
सिर्फ पांच जिले ऐसे हैं जिनमें सामान्य से अधिक बारिश हुई है. इनमें बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा और सवाई माधोपुर शामिल हैं | मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीते दिनों बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली, भरतपुर एवं टोंक जिलों में अतिवृष्टि के कारण फसलें काफी खराब हुई हैं | उसके आकलन के लिए राज्य सरकार ने उसी समय विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए थे | संबंधित जिला कलेक्टर इस काम को जल्द से जल्द पूरा करें |