रबी फसलों को लेकर किसान भाईयों के लिए कृषि वैज्ञानिकों की विशेष सलाह

रबी फसलों को लेकर किसान भाईयों के लिए कृषि वैज्ञानिकों की विशेष सलाह
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Jan 09, 2023

गेहूं :- गेहूँ की फसल में दीमक के लक्षण दिखाई देने पर क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर की दर से 20 किग्रा रेत का मिश्रण शाम के समय में देना चाहिए और बाद में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। गेहूं की जड़ों में दीमक का प्रकोप होने पर तत्काल सिंचाई करें एवं क्लोरोपाईरीफास 50 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टर की दर से सिंचाई पानी के साथ बूंद- बूंद करके प्रवाहित करें या क्लोरोपाईरीफास + साईफरमेन्थ्रीन 2.5 एमएल प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर जड़ क्षेत्र में छिड़काव करें।

चना :- चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी के लिए यदि फूल 10-15% तक पहुंच गए हों तो फेरोमोन ट्रैप @ 3-4 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाने की सलाह दी जाती है। कीट आबादी को नियंत्रित करने के लिए फसल क्षेत्र में और उसके आसपास "टी" आकार के पक्षी बसेरा स्थापित किया जाना है। प्रति मीटर क्षेत्र में यदि 2-3 इल्ली पाई जाती हैं तो ट्राईजोफास दवा 800.0 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से छिडक़ाव करें। चने की फसल में जड़ सडऩ रोग का प्रकोप दिखाई दे रहा है अत: किसान भाई फसल का लगातार निरीक्षण करते रहें। प्रकोप पाए जाने पर रोकथाम हेतु रिडोमिल दवा 1.5 से 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ों के आसपास छिडक़ाव करें।

सरसों :- वर्तमान मौसम में सरसों की फसल में माहू और सफेद रतुआ की लगातार निगरानी करने की सलाह दी जाती है। यदि संक्रमण आर्थिक क्षति स्तर से ऊपर है तो माहू के नियंत्रण के लिए कीटनाशकों डाइमिथिएट 30 ईसी 500 मिली/हेक्टेयर या मिथाइल डेमेटॉन 25 ईसी ञ्च 500 मिली/हेक्टेयर में से किसी एक का छिडक़ाव करें।
सरसों की पहली सिंचाई जहाँ पर की फसल 30-35 दिन की हो गई है या फूल आने के पूर्व करें तथा सिंचाई के 3-4 दिनों के बाद बची हुई नाइट्रोजन खाद की पूरी मात्रा टॉप ड्रेसिंग के रूप में दें।

गोभी :- गोभी की फसल में डायमंड बैक मॉथ, मटर में फली छेदक और टमाटर में फल छेदक कीट की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 3-4 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाने की सलाह दी जाती है।
वर्तमान मौसम की स्थिति में पत्तागोभी, फूलगोभी आदि की पछेती किस्मों की स्वस्थ पौध की रोपाई मेड़ों पर की जा सकती है।

पत्तेदार सब्जियां :- वर्तमान मौसम में पालक, धनिया, मेथी की बुवाई की जा सकती है। पर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रति एकड़ 20 किग्रा यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है।

आलू और टमाटर :- उच्च सापेक्ष आर्द्रता के कारण आलू और टमाटर में झुलसा का संक्रमण हो सकता है। निरंतर निगरानी की सलाह दी जाती है। यदि लक्षण दिखाई दें तो कारबैंडिज़म @ 1.0 ग्राम/लीटर पानी या डाइथेन-एम-45 @ 2.0 ग्राम/लीटर पानी की स्प्रे की सिफारिश की जाती है।

मटर :- मटर की फसल में फलियों की उचित वृद्धि के लिए 2 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

कद्दू वर्गीय फसलें :- अगेती कद्दू वर्गीय फसलों की पौध तैयार करने के लिए पोली हाउस में छोटे पॉलीथीन बैग में पौध तैयार की जा सकती है।

प्याज और लहसुन :- वर्तमान मौसम की स्थिति में समय से बोई गई प्याज और लहसुन की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण तथा बैंगनी धब्बे के संक्रमण से बचाव के लिए निरंतर निगरानी रखनी चाहिए। डायथेन एम-45 @ 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में चिपचिपी सामग्री (टिपोल 1.0 ग्राम/लीटर) के साथ छिड़काव की सलाह दी जाती है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline