पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी

पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की एडवाइजरी, कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी
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Kisaan Helpline

Agriculture Feb 17, 2022

कोरोना (कोविड़-19) के गंभीर फैलाव को देखते हुए किसानों को सलाह है कि तैयार सब्जियों की तुड़ाई तथा अन्य कृषि कार्यों के दौरान भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग, साबुन से उचित अंतराल पर हाथ धोना तथा एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाये रखने पर विशेष ध्यान दें।
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें।

भिंडी की अगेती बुवाई हेतु करें उन्नत किस्मों का चुनाव
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि भिंडी की अगेती बुवाई हेतु ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों की बुवाई करें। बुवाई से पूर्व खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज की मात्रा 10-15 कि.ग्रा./एकड़।

गेहूँ की फसल में रोगों की करें निगरानी
मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूँ की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें। काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें। पीला रतुआ के लिये 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उप्युक्त है। 25 डिग्री सेल्सियस तापमान से उपर रोग का फैलाव नहीं होता। भूरा रतुआ के लिये 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ नमी यूक्त जलवायु आवश्यक है। काला रतुआ के लिये 20 डिग्री सेल्सियस से उपर तापमान ओर नमी रहित जलवायु आवश्यक है।

सरसों की फसल और सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें
वर्तमान शुष्क तथा बढते तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान सभी सब्जियों तथा सरसों की फसल में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें। इस कीट के नियंत्रण के लिए वे सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड @ 0.25-0.5 मि.ली./लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुडाई के बाद करें। सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें। बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें।

गर्मी के मौसम खेती के लिए करें उन्नत किस्मों का चयन 
मौसम को ध्यान में रखते हुए फ्रेंच बीन, गर्मी के मौसम वाली मूली इत्यादि की सीधी बुवाई हेतु वर्तमान तापमान अनुकूल है क्योंकि बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त हैं। किसान उन्नत बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से ही प्राप्त करें।
इस मौसम में मूंग और उड़द की फसलों की मार्च में बुवाई हेतु किसान किसी प्रमाणित स्रोत से उन्नत बीजों का संग्रह करें। मूंग– पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल-32; उड़द– पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पी डी यू-1। बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें।
मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई इस सप्ताह कर सकते हैं।

प्याज में करें रोगों की रोकथाम 
इस मौसम में प्याज की समय से बोयी गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें। कीट के पाये जाने पर कानफीड़ोर @ 0.5 मिली./ 3 ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1.0 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें तथा नीला धब्बा रोग की निगरानी करते रहें। रोग के लक्षण पाये जाने पर डाएथेन- एम-45 @ 3 ग्रा./ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें।

सब्जियों की खेती के लिए विशेष सलाह
मौसम को ध्यान में रखते हुए टमाटर के फलों को फली छेदक कीट से बचाव हेतु किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाए। वे कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें। साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंश @ 2-3 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
इस मौसम में बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीटनाशी 48 ई.सी. @ 1 मि.ली./ 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

गेंदे में पूष्प सड़न रोग के आक्रमण की सम्भावना 
इस मौसम में गेंदे में पूष्प सड़न रोग के आक्रमण की सम्भावना बढ जाती है अत: किसान फसल की निगरानी करते रहें यदि लक्षण दिखाई दें तो बाविस्टिन 1 ग्राम\लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।

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