केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना योजना में कुछ प्रमुख बदलाव किए हैं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने फसल बीमा को लेकर कई तरह के बदलाव करते हुए अब इसे ऑप्शनल कर दिया है, इस बारे में अगर सूत्रों की माने तो बदलावों का विशेष कारण आम किसानों को यह विश्वास दिलाने के लिए किया गया है कि कंपनियां फसल बीमा योजना से नाज़ायज मुनाफा कमा रही हैं।
इसके अतिरिक्त अगर सूत्रों की माने तो सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि अगर फसल के लिए सिंचाई क्षेत्र 50 फीसदी से अधिक है तो प्रीमियम की सीमा 30 फीसदी रखी जानी चाहिए, इस योजना को लेकर हर साल संशोधन की सिफारिश भी की गई है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य ऐसे प्राकृतिक जोखिमों से किसानों की रक्षा करना था जिन्हें होने से रोका नहीं जा सकता। इस बीमा के अर्तगत बुवाई के पहले से लेकर कटाई के बाद तक के समय में हर तरह की प्राकृतिक आपदा में किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था।
बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का यह सातवां सत्र चल रहा है, इसके अंतर्गत किसान हित के लिए योजनाएं लागू की जा रही है। सूत्रों की माने तो मंत्रालय ने खेतीबाड़ी से जुड़ी तमाम खामियों की पहचान कर कई बदलावों के प्रस्ताव कर दिए हैं। सरकार ने परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए अलग-अलग राज्यों में जलवायु विभिन्नता के कारण राज्य सरकारों से भी विचार मांगे हैं। जल्द ही इस पर और भी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।