पराली की समस्या से निपटारा करने के लिए और बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रो एक्टिव गर्वनेंस एंड टाइमली इम्पलिमेंटेशन'(प्रगति) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की , इस दौरान प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद कृषि विभाग, किसान कल्याणकारी विभाग को पंजाब, हरियाणा और यूपी राज्य के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर उपकरण दिए जाने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है की ये प्रदुषण को देखते हुए ये आपतकालीन बैठक बुलाई गई।
इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् आईसीएआर की प्रयोगशाला की ओर से 04 नंवबर, 2019 को जारी बुलेटिन संख्या 34 (http://creams.iari.res.in/cms2/index.php/bulletin-2019 पर उपलब्ध) के अनुसार 2018 की समान अवधि की तुलना में पराली जलाने के मामलों में अब तक 12.01 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में इस वर्ष अब तक पराली जलाने के मामलों में क्रमशः 48.2 प्रतिशत, 11.7 प्रतिशत और 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इन तीनों राज्यों में 01 अक्तूबर, 2019 से 03 नवंबर, 2019 के बीच पराली जलाने के कुल 31,402 मामलों की जानकारी प्राप्त हुई। पंजाब में 25366, हरियाणा में 4414 और उत्तर प्रदेश में ऐसी 1622 घटनाएं हुई।
उचित दरों पर उपकरण उपलब्ध कराने की योजना के तहत 2018-19 के दौरान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के लिए क्रमशः 269.38, 137.84 और 148.60 करोड़ रुपये जारी किए गए। वर्ष 2019-20 के दौरान आकड़ो के अनुसार अब तक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को क्रमशः 273.80, 192.06 और 105.29 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इन पैसों की मदद से अब तक 29,488 मशीने खरीदी गई हैं, जिनमें से 10379 मशीनें सीधे किसानों को दी गई हैं और 19109 मशीनें सीएचसी को दी गईं।