राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र की कृषि पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए ‘खेतों से बाहर’ के क्षेत्रों को प्रोत्साहन दे रहा है। नाबार्ड के उप महाप्रबंधक कमलेश कुमार ने कहा, पश्चिम बंगाल में अब भी 20 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन रहे हैं। यहां प्रति व्यक्ति औसतन जमीन का स्वामित्व 0.77 हेक्टेयर है। नाबार्ड पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहा है। हम युवा उद्यमियों को हथकरघा क्षेत्र की ओर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस तरह के पलायन के रोकने के लिए नाबार्ड कृषि क्षेत्र से बाहर उत्पादक संगठनों (ओएफपीओ) के गठन पर अधिक जोर दे रहा है। इसमें ग्रामीण बुनकरों, कारीगरों आदि के सहयोग से सामूहिक कारोबारी गतिविधियां चलायी जायेंगी और मूल्यवर्धन के जरिये स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हो सकेगा।