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भोपाल.प्रदेश के 22 जिलों में ओलावृष्टि और असामयिक बरसात से हुई फसलों के नुकसान को लेकर राजस्व मंत्री रामपाल सिंह के जवाब से सदन में हंगामा हो गया। कांग्रेस के विधायकों का कहना था कि अभी तक ओलावृष्टि से प्रारंभिक आकलन के अनुसार कितनी हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है और किसानों की कितनी राशि की फसल बरबाद हुई है। किसानों को कब तक मुआवजा मिलेगा।
इसका राजस्व मंत्री ठोस जवाब नहीं दे पाए। वहीं राजस्व मंत्री सिंह ने कहा कि प्रारंभिक आकलन किस बात का। किसी भी किसान को दो हजार रुपए से कम मुआवजा नहीं दिया जाएगा। ओलावृष्टि से 1086 गांवों में फसलों का नुकसान हुआ है। इस दौरान 14 लोगों की जान भी गई है, उन्हें 4-4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। अन्य नुकसान में 129 पशु मारे गए हैं। 25 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि फसलों के नुकसान का आकलन कागजी नहीं होता।
खेतों की मेढ़ तक जहां भी नुकसान हुआ है, राजस्व समेत अन्य विभाग के कर्मचारियों को भेजा जाएगा। इसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। इसके बाद फसलों के नुकसान की जो जानकारी आएगी, उसे ग्राम पंचायतों के बोर्ड पर चस्पा कर दिया जाएगा। इससे पहले कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने आरोप लगाया कि प्रदेश में ओलावृष्टि में 14 लोग मारे गए, अब मरने वालों की संख्या 16 हो गई है।
वित्तीय वर्ष समाप्त हाेने से 17 दिन पहले 1332 करोड़ का चौथा अनुपूरक बजट पारित
वित्तीय वर्ष (2015-16) के समाप्त हाेने से 17 दिन पहले राज्य सरकार का 1332 करोड़ का चौथा अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हो गया है। इसमें विभागवार की गई राशि के प्रावधान पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए। कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने वित्त मंत्री जयंत मलैया से पूछा कि किसानों के लिए 800 करोड़ रुपए सरकार कहां से लाएगी? सरकार एक साल में चार बार अनुपूरक बजट के नाम पर 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करा चुकी है।
लेकिन सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया कि आखिर इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कहां से किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री सदन को भ्रमित कर रहे हैं। बजट बनाते समय उन्होंने नियमों को ध्यान में नहीं रखा है। इस पर सरकार का बचाव करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि यह देखना सीएजी का काम है।
किसानों को राहत देना प्राथमिकता : मलैया
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि किसानों को राहत देना सरकार की प्राथमिकता है। सामान्यतः वित्तीय वर्ष में तीन अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत किए जाते हैं, लेकिन किसानों को राहत राशि देने के लिये विधानसभा का विशेष सत्र आमंत्रित कर द्वितीय अनुपूरक के माध्यम से 8,407 करोड़ की अतिरिक्त मंजूरी प्राप्त की गई है। इसमें सूखा राहत के लिये 3,274 करोड़ बांटे जा चुके हैं। अल्पकालीन कर्ज को मध्यम कालीन कर्ज में परिवर्तित करने के लिए सरकार ने 444 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
किसके लिए कितनी राशि
सूखा राहत 800 करोड़
निकायों को चुंगी क्षतिपूर्ति 325. 90 करोड़
सहकारिता 204.70 करोड़
विधान मंडल 1. 40 करोड़
उद्योग 46. 61 लाख
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