कृषि में रोज होने वाली गतिविधियों को हम आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है, लक्ष्य सिर्फ इतना है की भारत के किसान जागरूक रहे और खेती में सर्वश्रेष्ठ प्रदान करे। और दी जाने वाली जानकारी से अपनी कृषि के क्षेत्र में उन्नति के अवसर प्राप्त करे। इसी लक्ष्य के साथ पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा फसली विभिन्नता के महत्व के तहत नरमे व कपास की काश्त को दोबारा से प्रफुल्लित करने के लिए गांव झाड़ो में किसान सिखलाई कैंप का आयोजन किया गया। आपको बता दे की सिखलाई कैंप में केवीके के सहायक निर्देशक डा. मनदीप सिंह ने किसानों को नरमे की खेती को फायदेमंद बनाने के तरीके बताए। नरमे की फसल खेती के लिए अच्छा बीज ही सबसे मुख्य जरूरत है। किसानों को नरमे की खेतीबाड़ी विभाग व पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना द्वारा सिफारिश की गई किस्मों में से ही किसी एक किस्म की बिजाई करें। फसल के बेहतर झाड़ के लिए नरमे की बिजाई से पहले पानी लगाने के बाद करने चाहिए व बिजाई हर हाल में 15 मई से पहले पूरी कर लेनी चाहिए। उन्होंने नरमे की फसल में खादों के सही इस्तेमाल व नदीम प्रबंधों बाबत जानकारी दी। पौधा रोग विज्ञान सहायक प्रोफेसर डा. गुरबीर कौर ने नरमे की फसल के लिए सर्वपक्षीय कीट प्रबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सफेद मक्खी, हरे तेले, भूरी जूं व मिली बग की रोकथाम के लिए जानकारी दी। इस कार्यक्रम के मौके पर डा. सतबीर सिंह, भोला सिंह आदि उपस्थित थे।