अर्थव्यवस्था को सुधार में लाने और रोजगार की संख्या में इजाफा करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दो कैबिनेट समितियों का गठन किया। इन दोनों समितियों के अध्यक्ष खुद प्रधानमंत्री होंगे। ये समितियां अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन और निवेश बढ़ाने के उपाय बताएंगी। पीएम की अध्यक्षता वाली पहली समिति विकास दर और निवेश पर है।
इस पांच सदस्यीय समिति में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल बतौर सदस्य शामिल हैं।
वही दूसरी समिति रोजगार और कौशल के विकास पर है जिसमें 10 सदस्य हैं। इस समिति में अमित शाह, निर्मला सीतारमण और पियूष गोयल के अलावा कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार और आवास व शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को भी शामिल किया गया हैं।
जब अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही में घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ गयी थी जो बीते पांच साल में न्यूनतम है, इस कारण सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है। सरकार ने 7.2 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था जबकि जीडीपी की सालाना वृद्धि दर भी पिछले वित्त वर्ष में घटकर 6.8 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है। खास बात यह है कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में -0.1 प्रतिशत हो गई थी। वहीं मैन्युफैक्च¨रग क्षेत्र की वृद्धि दर भी 3.1 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है।
इन क्षेत्रो की गति को बढ़ाने की जरुरत है। सरकार के समक्ष दूसरी बड़ी चुनौती रोजगार के अवसर बढ़ाने की है। आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ावा देने के लिए सरकार पर निवेश की गति बढ़ाने का भी दवाब है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की ताजा और नई रिपोर्ट अगर देखी जाये तो वो बताती है कि देश में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत हो गई है जो बीते 45 साल में सर्वाधिक है।
चुनाव के दौरान सरकार को बेरोजगारी के अहम् मुद्दे को लेकर विपक्ष की आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। देखा जाये तो यह शायद पहला मौका है जब निवेश, विकास दर और रोजगार जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट समितियों का गठन किया गया है। सुरक्षा, नियुक्ति और आर्थिक मामलों पर ही इससे पहले कैबिनेट की समितियां रहीं हैं। कैबिनेट के आर्थिक मामलों पर निर्णय करने के लिए सीसीईए भी पहले से मौजूद है।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति का गठन
वही सुरक्षा के मामलो को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा के विषय पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) का गठन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसकी सदस्य हैं। इस समिति का कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश से जुड़े मामलों को देखना है। बता दें कि सरकार बदलने या मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद कैबिनेट समितियों का गठन या पुनर्गठन किया जाता है।