अब किसानों को घर बैठे मोबाइल पर कृषि व मौसम संबंधी जानकारियां उपलब्ध होगी। इस दिशा में उदयपुर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मेवाड़ ऋतु ऐप तैयार किया है जो किसानों को मौसम की पूर्व सूचना सहित कृषि संबंधी जानकारियों से अवगत कराएंगा। इससे किसानों को यह फायदा होगा। इससे उन्हें फसल बुवाई से लेकर कटाई तक के लिए मार्गदर्शन मिल सकेगा। बता दें कि मौसम की प्रतिकूलता के चलते कई बार किसानों को हानि उठानी पड़ती है। कभी ओलावृष्टि तो कभी बारिश आदि आपदाओं से किसान की फसल को नुकसान पहुंचाता है। यदि किसान को मौसम आधारित फसल उत्पादन की जानकारी हो और प्रतिकूल मौसम का पूर्वानुमान पता हो तो वे अपनी फसल को नुकसान से बचा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए उदयपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने यहां के किसानों के लिए मेवाड़ ऋतु ऐप तैयार किया है ताकि पैदावार बढऩे के साथ ही किसानों को लाभ मिल सके।
क्या है मेवाड़ ऋतु ऐप?
उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है जिसे मेवाड़ ऋतु ऐप नाम दिया गया है। यह ऐप किसानों को खेती और पशुपालन के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही यह पैदावर को बढ़ाने में भी कारगर साबित होगा।
मेवाड़ ऋतु ऐप से किसानों को मिलेगी ये जानकारियां:
यह ऐप खेती से कैसे अधिक उपज प्राप्त कर सके इसके लिए उन्हें मार्गदर्शन देगा। मेवाड़ ऋतु ऐप से विश्वविद्यालय से जुड़े उदयपुर, चित्तौडगढ़, राजसमन्द, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिलों के किसानों को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेंगी। ऐप के माध्यम से किसानों को कब फसल की बुवाई करनी है। कब कीटनाशक का छिडक़ाव करना है और कब सिंचाई करनी है ये तमाम जानकारियां विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की ओर दी प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही बदलते मौसम के बीच वे अपनी फसल को कैसे सुरक्षित रखें इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
हर पांच दिन बाद अपडेट होगा मेवाड़ ऋतु ऐप:
एमपीयूएटी के अनुसंधान निदेशक डॉ, एसके शर्मा के मुताबिक मेवाड़ ऋतु ऐप के माध्यम से किसान को समय पर सही जानकारी उपलब्ध हो सके इसके लिए कृषि और मौसम वैज्ञानिकों की सात अलग अलग टीमें बनाई गई हैं। ये हर पांच दिन बाद इस मोबाइट ऐप को अपडेट करेंगी। इसमें मुख्य रूप से मौसम जानकारी के बाद खेती कार्य को लेकर वैज्ञानिक सलाह भी दी जाएगी। यही नहीं वैज्ञानिक पशुपालन को लेकर भी किसान से महत्वपूर्ण जारी साझा करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस राठौड़ मानें तो इस ऐप से मिलने वाली सलाह को मानते हुए अगर किसान अपनी खेती का कार्य करेंगे तो उन्हें 10 से 30 प्रतिशत तक अधिक पैदावार मिल पाएगी।